जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । उन्नाव रेप पीड़िता की मौत के बाद शनिवार को उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है। दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल से जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्यादा जलने की वजह से पीड़िता की मौत हुई। बता दें कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में जमानत पर बाहर आए आरोपियों ने रेप पीड़िता को जिंदा जला दिया था। शुक्रवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया।
क्या कहती है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
सफदरजंग हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर सुनील गुप्ता ने बताया कि जहर देने या दम घुटने से मौत जैसा कुछ पोस्टमॉर्टम में नहीं आया है। ऑटोस्पाइ से पता चला है कि पीड़िता की मौत अधिक जलने की वजह से हुई है। गुप्ता ने बताया कि शनिवार सुबह ऑटोस्पाइ करवाया गया था। बता दें कि सुनील गुप्ता का एक बयान शुक्रवार को भी आया था। तब उन्होंने बताया था कि पीड़िता 90 प्रतिशत जल चुकी थी। उनकी नब्ज तो चल रही थी, लेकिन वह बेहोश थीं। पीड़िता की शुक्रवार रात करीब 12 बजे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में ही मौत हो गई थी।
90 फीसदी जली हुई उन्नाव की रेप पीड़िता की आवाज ढंग से नहीं निकल रही थी। जलने की वजह से उसके गले की श्वांस और आहार नली पूरी तरह से सूज चुकी थीं। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जब उन्नाव की जलाई गई रेप पीड़िता बृहस्पतिवार की रात नौ बजे पहुंची तो वह डॉक्टरों से कुछ कहना चाह रही थी।
पीड़िता के पास में खड़े अस्पताल के बर्न यूनिट के हेड डॉ. शलभ और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि उसके मुंह से निकली हुई बातें इतनी ही समझ में आ रहीं थी कि वह जानना चाह रही थी कि वह बच जाएगी न। डॉक्टरों ने बताया कि उसने इशारों में और हल्की आवाज में कहा कि वह मरना नहीं चाहती है। उसने यह भी कहा कि उसके साथ ऐसा करने वाला कोई बचे न। थोड़ी बहुत बात करते करते वह पूरी तरह से निढाल हो गई। पीड़िता को तुरंत वेंटीलेटर पर रखा गया क्योंकि नब्बे फीसदी तक जलने से उसके शरीर में बहुत लिक्विड बह चुका था। इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल उसके अंग काम कर रहे हैं लेकिन हालत बहुत ही गंभीर बनी हुई है। रविवार तक पीड़िता को सघन आब्जर्वेशन की जरूरत है।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता का कहना है कि पीड़िता का शरीर 90 फीसदी आग की चपेट में आने के कारण उसे पहचान पाना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि उसे पेट्रोल डालकर जलाया गया था। बीते बृहस्पतिवार रात अस्पताल आने के बाद कुछ देर तक उसकी हालत में स्थिरता देखने को मिली। थोड़ा सा पानी भी धीरे धीरे पिया था। ऐसी स्थिति में कोई भी मरीज हर घंटे गंभीर हालत में पहुंचता है।