जनजीवन ब्यूरो / पटना/दिल्ली । दिल्ली के अनाज मंडी स्थित फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी से आग से मरे 43 लोगों में ज्यादातर बिहार के मुजफ्फरपुर, कटिहार, मुंगेर, दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर के रहने वाले थे। हालांकि मृतकों के बारे में अब तक ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है। प्रशासन मृतकों की पहचान करने में जुटा है।
हादसे में दरभंगा जिले के बवारा बुदरू गांव के रहने वाले मो. शाहिद बाल-बाल बच गए। वह इमारत में ही थे। उन्होंने बताया- मैं सोया हुआ था। सुबह करीब पौने 5 बजे एक व्यक्ति मेरे रूम में आया और सबको जगाकर बोला की नीचे आग लग गई है। हम लोग उठे और नीचे देखने गए। इतने में आग फैल गई। हम लोग दोबारा ऊपर नहीं आ पाए। जो ऊपर थे वो ऊपर ही रह गए और नीचे थे वे नीचे ही रह गए। दोबारा अंदर जाने का कोई मौका नहीं मिला। शाहिद ने बताया कि मेरे साथ रहने वाले दो साथी मो. इकलाक और मो. आदिल का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। जबकि दो अन्य साथी मो. परवेज और मो. गुलजार मिल गए हैं। परवेज की हालत गंभीर है।
दरभंगा के ही रहने वाले मोहम्मद लाडले ने बताया कि उनके 2 साथियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। दोनों इसी फैक्ट्री में काम करते थे। दमकल विभाग के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि हादसे के वक्त इमारत में 59 लोग सो रहे थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि इमारत में छोटे-छोटे कमरों में 10-15 लोग सोते थे। वहीं पर फैक्ट्री में बनने वाले सामान का कच्चा माल भी रखा रहता था। रिहाइशी इलाके में चल रही इस फैक्ट्री में स्कूल बैग बनाए जाते थे।