जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । नागरिकता संशोधन कानून जब से बना है पूरे देश में जगह-जगह इसे लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। जामिया विश्वविद्यालय के बाद मंगलवार को दिल्ली के सीलमपुर में भी हिंसक प्रदर्शन हो गया है, प्रदर्शनकारी बसों पर पथराव भी कर रहे हैं। चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच होम मिनिस्टर अमित शाह ने विपक्षी दलों पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि पूरा विपक्ष ही लोगों के बीच भ्रम फैलाने में जुटा है। इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर से समझाने की कोशिश की है कि नागरिकता कानून का मतलब अल्पसंख्यक वर्ग के किसी भी व्यक्ति से सिटिजनशिप वापस लेना नहीं है। बिल में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है। इस बीच केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से की शांति अपील की।
शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ था, जिसका एक हिस्सा एक-दूसरे देश के अल्पसंख्यकों की रक्षा करना था। इस पर बीते 70 सालों से काम नहीं किया गया क्योंकि आप (कांग्रेस) वोट बैंक बनाना चाहते थे। हमारी सरकार ने इस पैक्ट को सही ढंग से लागू किया है और लाखों लोगों को नागरिकता देने का फैसला किया है, जो बीते कई सालों से इंतजार में थे।
गृह मंत्रालय ने भी एक बार फिर से कहा कि है कि इस ऐक्ट का किसी भी विदेशी को बाहर भेजने से लेना-देना नहीं है। उन्हें बाहर भेजने के लिए पहले से मौजूद प्रक्रिया का ही पालन किया जाएगा। इसके अलावा यह ऐक्ट किसी भारतीय नागरिक पर भी किसी तरह से लागू नहीं होता है।
दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी है कि जिस वक्त सीलमपुर में हिंसा हुई पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया। साथ ही दर्जनों लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। इस समय हालात पूरी तरह से पुलिस के नियंत्रण में हैं।
ज्वाइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि सीलमपुर में कोई गोली नहीं चलाई गई है। सिर्फ आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया है। कुछ पुलिसवाले घायल हुए हैं। दो पब्लिक ट्रांसपोर्ट बसें, एक रैपिड एक्शन फोर्स की बस और कुछ बाइकें क्षतिग्रस्त की गई हैं।
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के सीलमपुर इलाके में बवाल। कानून के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन हिंसका हुआ। भीड़ ने पुलिस पर की पत्थरबाजी। 1 घंटे से ज्यादा तक प्रदर्शनकारियों ने बवाल किया। स्थिति बिगड़ते देखकर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। हंगामे की वजह से सीलमपुर से जाफराबाद, मौजपुर जानेवाले रोड को पुलिस ने ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया। कानून के खिलाफ प्रदर्शन के लिए भारी संख्या में भीड़ सड़क पर थी।
हिंसक प्रदर्शन की वजह से सीलमपुर, वेलकम, जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी एनक्लेव, शिव विहार सभी मेट्रो स्टेशन बंद। प्रदर्शनकारियों ने बस पर पत्थर और डंडे चलाए। बस के शीशे टूट गए और ड्राइवर सहित यात्रियों को बस छोड़कर भागना पड़ा। जिस इलाके में पत्थरबाजी और हिंसा हुई वहां बहुत सारी दुकाने और रिहायशी इलाका है। अचानक शुरू हुई तपत्थरबाजी के बाद दुकानें बंद हो गईं।
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने हिंसा को रोकने और उपद्रवियों पर निगरानी के लिए ड्रोन छोड़े।
राजनाथ सिंह बोले, नफरत नहीं सिखाती भारतीय संस्कृति
गृह मंत्री के अलावा अमेरिका में एक कार्यक्रम में मौजूद डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने भी इस मुद्दे पर भ्रम दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि यह ऐक्ट मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हमारी संस्कृति किसी से नफरत करना नहीं सिखाती।’ नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता का प्रावधान है।
अरविंद केजरीवाल ने सीलमपुर हिंसा के बाद दिल्ली के नागरिकों से अपील की है कि शांति बनाए रखें। एक सभ्य समाज में किसी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं है। हिंसा से कुछ हासिल नहीं होगा। हमें अपनी राय शांतिपूर्ण तरीके से रखना चाहिए।