जनजीवन ब्यूरो / रांची । झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार मतदाताओं ने कम से कम 10 दलबदलुओं को पटखनी दे दी। इन सभी ने अपने-अपने दल की तरफ से टिकट नहीं मिलने पर पाला बदलकर दूसरे का दामन थाम लिया था, लेकिन यह बदलाव मतदाताओं को रास नहीं आया। एनसीपी के टिकट पर नाला सीट से उतरे भाजपा के पूर्व प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर को तो महज 987 वोट ही मिल सके।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार बालमाचू को आजसू के टिकट पर घाटशिला सीट से, एक अन्य पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत को भाजपा के टिकट पर लोहरदगा सीट से और भाजपा के पूर्व चीफ व्हिप राधाकृष्ण किशोर को आजसू के टिकट पर छत्तरपुर सीट से हार मिली। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी आजसू के टिकट पर बोरियो सीट से हार गए।
भाजपा छोडक़र जेएमएम गए फूलचंद मंडल को सिंदरी सीट के, पूर्व बसपा विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता को आजसू के टिकट पर हुसैनाबाद सीट के मतदाताओं ने नकार दिया। भारागोड़ा सीट से पूर्व जेएमएम विधायक कुणाल सारंगी और बरही सीट से पूर्व कांग्रेसी विधायक मनोज यादव को भाजपा के टिकट पर उतरना रास नहीं आया। जेएमएम अध्यक्ष शिबू सोरेन के करीबी समझे जाने वाले अकील अंसारी ने आजसू का दामन थामा तो वे पाकुर सीट से हार गए।
कुछ को मिला मतदाताओं का आशीर्वाद
दलबदलुओं में से कुछ को मतदाताओं ने अपना आशीर्वाद देकर विधानसभा का रास्ता दिखाया। इनमें जेएमएम के टिकट पर गांडे सीट से उतरे पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सरफराज अहमद, पूर्व मंत्री भानुप्रताप साही ने भवनाथपुर सीट और पूर्व जेएमएम विधायक जयप्रकाश पटेल ने मांडू सीट से भाजपा के टिकटों पर जीत हासिल की। एक अन्य पूर्व मंत्री बैद्यनाथ राम ने भाजपा छोडक़र जेएमएम के टिकट पर लातेहार सीट से विजयी सेहरा बांधा।