जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । आसमान पर राज करने वाली भारत सरकार की कंपनी एयर इंडिया गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रही है। कर्मचारियों को सैलरी देने के भी पैसे कंपनी के पास नहीं है। यही कारण है कि एयर इंडिया में काम करने वाले युवा इंजिनियर्स संस्थान को बाय-बाय कर रहे हैं। आलम यह है कि एयर इंडिया नौकरी छोड़ने वाले इंजिनियर्स से पैसे वसूलने का फरमान जारी करने के बावजूद भी यह सिलसिला नहीं रुक रहा है। ट्रेनिंग के तुरंत बाद नौकरी छोड़नेवालों से ट्रेनिंग पर खर्च पैसे, दूसरे खर्च के साथ-साथ उस दौरान मिली सैलरी भी लौटाने को कहा गया है।
बताया जाता है कि अक्टूबर माह में केंद्र सरकार ने एयर इंडिया को मात्र 500 करोड़ रुपए जारी किया था। इतने बड़े संस्थान के लिए यह राशि ऊंट के मुंह में जीरा के फोरन के बराबर ही है। सूत्रों का कहना है कि मौजूदा हालात में नए साल में कर्मचारियों के वेतन मिल पाएगा या नहीं इसपर सवालिया निशान लगा हुआ है।
सैलरी की दिक्कत की वजह से अबतक 65 पायलट्स इस्तीफा दे चुके हैं। फिलहाल सभी 6 महीने के नोटिस पीरियड पर हैं। इंडियन कमर्शल पायलट्स असोसिएशन (ICPA) ने इस संदर्भ में एयर इंडिया को पत्र भी लिखा हुआ है। कहा गया है कि पायलट्स को बिना नोटिस पीरियड के नौकरी छोड़कर जाने दें। हालांकि, इसपर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
बता दें कि आर्थिक संकट के दौरान पायलट्स के साथ-साथ एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजिनियर (AME) स्टाफ भी एयरलाइंस को छोड़ रहा है। विमान को उड़ान में कोई परेशानी न हो, यह देखना इन्हीं का काम है। कुछ इंजिनियर ऐसे भी हैं जो ट्रेनिंग पूरी करते ही नौकरी बदल रहे हैं। ऐसे लोगों को रोकने के लिए अब एयर इंडिया ने नया नियम बनाया है। इसमें उनसे सैलरी तक वापस मांगी जा रही है।
इससे संबंधित ऑर्डर एक अधिकारी प्रसंता पॉल ने जारी किया है। इसमें लिखा है, ‘देखा गया है कि परमानेंट और वॉक इन इंटरव्यू से लिए गए इंजिनियर्स संस्थान छोड़कर जा रहे हैं। ये लोग ट्रेनिंग पूरी होने के बाद बॉन्ड पीरियड पूरा होने से पहले ही जा रहे हैं। अब अगर ऐसी स्थिति आई तो इन्हें ट्रेनिंग पर खर्च पैसा, हॉस्टल का खर्च, टीए/डीए और ट्रेनिंग पीरियड की सैलरी वापस देनी होगी।’ यह ऑर्डर 8 अगस्त, 2019 को जारी हुआ था।