जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । नए साल से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में सरकारी खर्च को बढ़ावा देने तथा अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिल्यन डॉलर का बनाने के लिए अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना पेश की। मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश की बात कह चुके हैं।
नए पाइपलाइन में केंद्र व राज्यों के 39 फीसदी प्रोजेक्ट होंगे और बाकी के 22 फीसदी निजी क्षेत्र के होंगे। जिन सेक्टर्स में यह प्रोजेक्ट होंगे उनमें बिजली, रेलवे, शहरी सिंचाई, मोबिलिटी, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े होंगे।
उन्होंने कहा, ‘इसके तुरंत बाद ही महज चार महीने की अवधि में ही 70 स्टेकहोल्डर्स से परामर्श के बाद 102 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की पहचान की गई।’ मंत्री ने कहा कि 3 लाख करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाओं को भी इसके साथ रखा जा सकता है। यह प्रोजेक्ट 51 लाख करोड़ रुपये के पहले से चल रहे प्रोजेक्ट से अलग हैं, जो पिछले छह सालों से केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे थे।
साल के आखिरी दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 2019 में किए गए अपने कार्यों को मीडिया के सामने रखा। उन्होंने मोदी सरकार के लिए इस साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा कि वह अपने वादों को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगले पांच सालों में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे। इसके लिए गठित टास्क फोर्स ने 102 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की पहचान की है। नतीजे पर पहुंचने से पहले करीब 70 अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ गहनता से चर्चा की गई और इन प्रोजेक्ट्स को फाइनल किया गया है। बीते 4 महीनों में 70 बैठकें हुईं, जिनमें 102 लाख करोड़ रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स पर चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि पिछले 6 सालों में हमारी सरकार का फोकस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर रहा। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर इनपर 51 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, जो जीडीपी का 5-6 फीसदी है।