जनजीवन ब्यूरो नई दिल्ली। जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद संभालते ही अपने राजनीतिक झुकाव केसवाल पर कहा कि “हम सत्ता में मौजूद सरकार के निर्देशों पर काम करते हैं, लेकिन राजनीति से जितना हो सके उतनी दूरी बनाकर रखते हैं।” । रावत दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल में कहा, “सीडीएस के तौर पर मेरे पास एक बेहद अहम काम है। तीनों सेनाओं को साथ मिलाकर काम करने का। हम एक ऐसी टीम की तरह काम करेंगे, जो 1+1+1 बराबर 3 नहीं, बल्कि 5 और 7 होंगे।”
वॉर मेमोरियल में बुधवार को आर्मी चीफ मनोज नरवाणे, एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार भदौरिया और नेवी चीफ करमबीर सिंह, जनरल रावत के स्वागत के लिए मौजूद रहे। यहां सेना के वरिष्ठ अफसरों ने देश के पहले सीडीएस को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। दरअसल, जनरल रावत ने पिछले दिनों छात्र आंदोलन को लेकर बयान दिया था। इस पर विपक्ष के कुछ नेताओं ने जनरल रावत पर राजनीतिक बयानबाजी का आरोप लगाया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने जनरल रावत को बधाई दी
जनरल रावत को सीडीएस पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी। उन्होंने कहा, “नए साल और दशक की शुरुआत के साथ भारत को अपना पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ मिला। मैं उन्हें इस जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं देता हूं। वे एक शानदार अफसर हैं, जिन्होंने पूरे जोश से देश की सेवा की है। इसी के साथ मैं उन सभी को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने देश की सेवा के लिए खुद को कुर्बान कर दिया। मैं करगिल में लड़ने वाले जवानों को भी याद करता हूं, उनके बाद ही हमारी सेना में सुधार पर चर्चा शुरू हुई और आज का ऐतिहासिक बदलाव सुनिश्चित हुआ।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “15 अगस्त 2019 को मैंने लाल किले से कहा था कि भारत के पास जल्द चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होगा। इस संस्थान के पास हमारी सेना के आधुनिकीकरण की अहम जिम्मेदारी होगी। सैन्य विशेषज्ञता वाले डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स बनने और सीडीएस का पद संस्थांगत होना महत्वपूर्ण कदम है। इससे देश को लगातार बदलते और चुनौतीपूर्ण युद्धक्षेत्र का सामना करने में मदद मिलेगी।