जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । साल 2012 में देश की सबसे निर्मम हत्या व निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले के चार दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया जाएगा। दोषियों के खिलाफ मृत्यु वारंट जारी करने वाले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने फांसी देने के आदेश की घोषणा की। पटियाला हाउस कोर्ट ने आज लंबी सुनवाई के बाद डेथ वॉरंट जारी किया। कोर्ट के फैसले के मुताबिक चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया जाएगा। साफ है कि दोषियों को आज से 14 दिन बाद फांसी दे दी जाएगी। उधर, निर्भया की मां ने दोषियों की फांसी की सजा की तिथि मुकर्रर किए जाने के बाद कहा कि यह आदेश (मौत की सजा पर अमल के लिए) कानून में महिलाओं के विश्वास को बहाल करेगा।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने जिन चार दोषियों के खिलाफ यह आदेश जारी किया है उनमें मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता शामिल हैं। आपको बता दें कि डेथ वॉरंट के बाद कम से कम 14 दिन का वक्त दिया जाता है। इस समय में जेल प्रशासन अपनी तैयारी पूरी करेगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से दोषियों को नोटिस जारी करने को कहा था।
निर्भया की मां ने कहा, बेटी को मिला इंसाफ
फैसला आने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, ‘मेरी बेटी को न्याय मिल गया। इन चारों दोषियों को फांसी की सजा मिलने से देश की महिलाओं को ताकत मिलेगी। इस फैसले से लोगों का न्याय व्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा।’ उधर, दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि दस्तावेज मिलने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करेंगे।
दोषी अक्षय ने जज से की बात
कोर्ट के फैसला देने से पहले आज दोषी अक्षय ने जज से बात करने की इजाज़त मांगी थी। इसके बाद जज ने मीडिया को कमरे से बाहर जाने को कहा। दोषी ने मांग की थी कि वह अकेले में जज से कुछ कहना चाहता है। अक्षय ने जज के सामने अपनी बात रखी और कहा कि उसने कभी कानूनी प्रक्रिया में देर करने की कोशिश नहीं की और केवल कानूनी तरीके से अपना बचाव किया।
वहीं, बिहार में दोषी अक्षय की पत्नी को उम्मीद है कि कोर्ट उनके पति के प्रति नरमी दिखाएगा। कोर्ट में निर्भया की मां की याचिका पर सुनवाई हो रही है।
उन्होंने अपनी याचिका में सभी दोषियों के खिलाफ डेथ वॉरंट जारी करने की मांग की है। इससे पहले पटियाला कोर्ट ने दोषियों को सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए 7 जनवरी तक का समय दिया था। साथ ही तिहाड़ जेल ने चारों दोषियों को नोटिस जारी कर पूछा था कि वह दया याचिका दाखिल करेंगे या नहीं। इससे पहले दिन में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी अक्षय कुमार सिंह की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था।
बता दें कि निचली अदालत ने 13 सितंबर, 2013 को चारों को फांसी की सजा सुनाई थी और चारों की सजा कन्फर्म करने के लिए मामले को हाई कोर्ट को रेफर किया था। साकेत स्थित फार्स्ट ट्रैक कोर्ट ने इन चारों को गैंग रेप और हत्या के लिए दोषी करार दिया था। चारों को हत्या के लिए फांसी की सजा सुनाई गई थी। हाई कोर्ट ने 13 मार्च 2014 को चारों दोषियों अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश की अपील भी खारिज कर दी थी। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी और वहां भी दोषियों की अपील खारिज हो गई थी।