जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । दीपिका पादुकोण के जेएनयू कैंपस जाने के साथ ही कुछ संगठन उनकी फिल्म छपाक के बॉयकॉट का ऐलान कर दिया है। ट्विटर पर दीपिका की फिल्म के बॉयकॉट का मेसेज मंगलवार को ट्रेंड कर रहा था। उधर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि किसी भी संस्थान में जाने के लिए दीपिका स्वतंत्र हैं और हम फिल्म का बॉयकॉट नहीं करेंगे। दीपिका ने जेएनयू कैंपस में चोटिल छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष से मुलाकात की थी और 10 मिनट तक वह कैंपस में रहीं। इसके बाद बीजेपी के ही कई नेताओं और समर्थकों ने उनकी फिल्म छपाक के बॉयकॉट की अपील की थी।
#BoycottChhapaak ट्विटर पर करने लगा था ट्रेंड
दीपिका के जेएनयू में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की खबर मिलते ही सोशल मीडिया पर #BoycottChhapaak ट्रेंड करने लगा। आपको बता दें कि 10 जनवरी को दीपिका की अगली फिल्म छपाक रिलीज हो रही है। हालांकि कुछ लोग समर्थन में भी ट्वीट कर रहे हैं। दीपिका की यह फिल्म एसिड हमले की शिकार लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन और उनके संघर्ष की कहानी पर आधारित है।
जावड़ेकर ने कहा, ‘स्वतंत्र हैं दीपिका, बॉयकॉट का समर्थन नहीं’
ट्विटर पर दीपिका की फिल्म के बॉयकॉट का मेसेज मंगलवार को ट्रेंड कर रहा था। दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तजिंदर सिंह पाल बग्गा ने दीपिका को देशविरोधी ताकतों का समर्थन करनेवाला बताया और उनकी फिल्मों के बॉयकॉट की मांग की थी। दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी ने भी दीपिका की आलोचना करते हुए उन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थक बताया। प्रकाश जावड़ेकर ने ऐसे बयान से पार्टी को अलग करते हुए कहा, ‘भारत की स्वतंत्र नागरिक होने के नाते दीपिका पादुकोण कहीं भी आने -जाने के लिए स्वतंत्र हैं। सिर्फ कलाकार नहीं हिंदुस्तान का हर स्वतंत्र नागरिक कहीं भी आने-जाने और विचारों को व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है। हम उनकी फिल्म के बहिष्कार का समर्थन नहीं करते हैं। यह हमारी संस्कृति के खिलाफ है।’
जेएनयू हिंसा के खिलाफ दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। एक दिन पहले मुंबई में कई फिल्मी हस्तियां सड़क पर उतरीं थीं तो मंगलवार को दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हो रहे लेफ्ट छात्रों के प्रदर्शन में फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण भी शामिल हुईं। वह जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष से मिलीं। आपको बता दें कि हिंसा के दौरान नकाबपोश उपद्रवियों के हमले में आइशी के सिर में चोट आई थी।