जनजीवन ब्यूरो / लखनऊ । विवादों में सदा रहने वाले गौतमबुद्ध नगर जिले के एसएसपी वैभव कृष्ण को सर्विस रूल का उल्लंघन करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही 14 पुलिस अधिकारियों का तबादला किया गया है, जिनमें वे पांच अधिकारी भी शामिल हैं, जिनके नाम एसएसपी वैभव कृष्ण की गोपनीय रिपोर्ट में शामिल थे। अब लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी को गाजियाबाद का एसएसपी बनाया गया है।
बताया जाता है कि इस मामले में CM योगी ने वायरल वीडियो की जांच के आदेश दिए थे। इस वीडियो एवं चैट की गुजरात की लैब में जांच करवाई गई। रिपोर्ट में वीडियो एवं चैट सही पाए गए। इसके आधार पर उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। वैभव कृष्ण ने वायरल वीडियो के संबंध में खुद एफआईआर कराई थी, जिसके बाद मेरठ के एडीजी और आईजी को जांच सौंपी गई थी। जांच के दौरान आईजी ने वीडियो फरेंसिक लैब को भेजा था। एसएसपी वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर मामले की जानकारी दी थी और शासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट को लीक किया था।
इन अधिकारियों पर लगाए थे आरोप
वैभव कृष्ण के मुताबिक, उन्होंने एसएसपी (गाजियाबाद) सुधीर कुमार सिंह, एसपी (सुलतानपुर) हिमांशु कुमार, एसएसपी (एसटीएफ) राजीव नारायण मिश्र, एसपी (बांदा) गणेश साहा और एसपी (रामपुर) डॉ. अजय पाल शर्मा के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेजी थी। एसएसपी ने साजिश के लिए इन्हीं अफसरों पर आरोप लगाए थे। बता दें कि नोएडा का चार्ज लेते ही वैभव कृष्ण ने अग्निशमन-होमगार्ड विभाग के बड़े अफसरों, पुलिस और पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की थी। आरोप है कि इसी के बाद उनका विरोध शुरू हो गया था।
SSP वैभव कृष्ण को सस्पैंड किये जाने के साथ ही गोपनीय पत्र से भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे 5 IPS अधिकारी भी पद से हटाए गए। लखनऊ SSP कलानिधि नैथानी समेत 14 IPS अधिकारियों की तबादला सूची जारी की गई है। DG विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय एसआइटी आइपीएस अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच करेगी। ADG जोन मेरठ प्रशांत कुमार की रिपोर्ट के बाद इस मामले में यह एक्शन लिया गया है।
अधिकारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करने के वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। लखनऊ के एडीजी एसएन साबत इस केस में जांच करके जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपेंगे। गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को पीएसी आगरा, सुलतानपुर के एसपी हिमांशु कुमार को पीएसी इटावा में सेनानायक, एसटीएफ के एसएसपी राजीव नारायण मिश्र को मुरादाबाद पीएसी सेनानायक, बांदा के एसपी गणेश साहा को पुलिस अधीक्षक (मानवाधिकार) लखनऊ और मेरठ के एसपी डॉ. अजयपाल शर्मा को पुलिस अधीक्षक (पीटीएस) उन्नाव बनाया गया है। बता दें कि इन पांचों अधिकारियों के नाम एसएसपी वैभव कृष्ण की रिपोर्ट में शामिल थे।
एडीजी ने सीएम को बताया- प्रभावित हो सकती है जांच
एडीजी जसवीर सिंह ने सीएम को भेजे पत्र में लिखा है कि रिपोर्ट में अफसरों द्वारा थानाध्यक्षों की पोस्टिंग-ट्रांसफर, खुद अफसरों की तैनाती को लेकर रेट लिस्ट के संबंध में अपराधियों के साथ सांठगांठ के तमाम प्रमाण हैं। इनका संज्ञान लेते हुए आरोपी पांचों आईपीएस अफसरों को उनके वर्तमान पदों से हटाने की जरूरत है। ऐसा नहीं होने पर वे लोग जांच प्रभावित कर सकते हैं इसलिए इन्हें तत्काल पदों से हटाकर निलंबित किया जाना चाहिए।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने आरोप लगाया था कि उन्होंने पांच आईपीएस अफसरों के खिलाफ सीएम ऑफिस, डीजीपी और अपर मुख्य सचिव (गृह) को करीब एक महीना पहले गोपनीय जांच रिपोर्ट भेजी थी। तबसे एक बड़ी लॉबी उनके खिलाफ साजिश रच रही थी और फेक विडियो इसी का हिस्सा है। मीडिया के जरिए मामला संज्ञान में आने के बाद सीएम ने अपने दफ्तर, अपर मुख्य सचिव (गृह) व डीजीपी से गोपनीय रिपोर्ट पर जानकारी मांगी है। बता दें कि एक विडियो और महिला के साथ चैट भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। अब फरेंसिक रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि विडियो सही है और उससे छेड़छाड़ नहीं की गई है।