जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। राजनीति के ज्यादा बदनाम हो जाने के कारण उसमें अच्छे लोगों के आने से डरने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बच्चों से कहा कि जिनमें नेतृत्व की क्षमता और लोगों का कल्याण करने की भावना है तो वे निश्चित रूप से राजनीति में आएं। उन्होंने कहा कि राजनीति में हर क्षेत्र से अच्छे लोग आएं, तभी देश समृद्ध होगा। प्रधानमंत्री ने शिक्षक दिवस से एक दिन पहले स्कूली बच्चों से बातचीत के दौरान यह बात कही।
दिल्ली छावनी स्थित मानिक शॉ आडिटोरियम में उपस्थित बच्चों और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देश के विभन्न क्षेत्रों के बच्चों से रूबरू होते हुए मोदी ने नेतृत्व क्षमता, अच्छे वक्ता बनने, देश की सेवा समेत विविध विषयों पर खुलकर बातचीत की।
उन्होंने कहा, ‘‘ दुर्भाग्य से राजनीतिक जीवन इतना बदनाम हो चुका है कि लोगों को इसमें आने से डर लगता है। अच्छे लोग इसमें नहीं आना चाहते। उन्हें इसमें आने से डर लगता है। हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में हैं और राजनीतिक व्यवस्था उसी का हिस्सा है। राजनीति में अच्छे लोग आएं, हर क्षेत्र के लोग आएं तभी देश समृद्ध होगा।’’ मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी का आंदोलन चलाया था तो जीवन के भिन्न भिन्न क्षेत्रों से लोग उसमें आए जिससे उसे ताकत मिली।
दिल्ली छावनी स्थित मानिक शॉ आडिटोरियम में उपस्थित बच्चों और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देश के विभन्न क्षेत्रों के बच्चों से रूबरू होते हुए राजनीति में आने संबंधी एक बच्ची के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ राजनीति में आना है तो चुनाव लड़ने और कुर्सी पाने की इच्छा की बजाए लोगों के कल्याण की भावना से आएं। लोगों का दुख अगर चैन से सोने न दे और उनके सुख से हम खुशी से ओतप्रोत हो जाएं तभी इसकी सार्थकता है।’’ उन्होंने कहा कि अगर राजनीति मे आना है तो नेतृत्व क्षमता महत्वपूर्ण है। नेतृत्व क्षमता स्वभाविक भी होती है और इसे धीरे धीरे विकसित भी किया जाता है।
बच्चों पर अपनी इच्छाएं थोपने को गलत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि माता पिता का एक स्वभाव होता है कि जो काम वे खुद नहीं कर पाते, वे अपने बच्चों के माध्यम से कराना चाहते हैं। यह ठीक नहीं है। और यही सबसे बड़ी कठिनाई है। मां बाप को अपने सपने अपने बच्चों पर नहीं थोपने चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप अपने बच्चों को नहीं जानते, उनकी क्षमताओं के नहीं जानते। थोप देने से बच्चों को सफलता नहीं मिलती।
बच्चों पर अपनी इच्छाएं थोपने को गलत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मां बाप को अपने सपने अपने बच्चों पर नहीं थोपने चाहिए, इससे बच्चों को सफलता नहीं मिलती।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘‘ माता पिता का एक स्वभाव होता है कि जो काम वे खुद नहीं कर पाते, वे अपने बच्चों के माध्यम से कराना चाहते हैं। यह ठीक नहीं है। और यही सबसे बड़ी कठिनाई है। मां बाप को अपने सपने अपने बच्चों पर नहीं थोपने चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप अपने बच्चों को नहीं जानते, उनकी क्षमताओं को नहीं जानते। थोप देने से बच्चों को सफलता नहीं मिलती।
अच्छे शिक्षकों की कमी के बारे में एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि आज भी देश में अच्छे शिक्षक हैं और यह आज के बच्चों को देखकर उन्हें महसूस हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता। शिक्षक का पेशा अन्य व्यवसाय से अलग है । हमें रोबोट नहीं बनना चाहिए बल्कि संवेदनशील होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कई बार लोग आश्चर्य व्यक्त करते हैं कि शिक्षक दिवस पर बच्चों के साथ समय क्यों खर्च किया जाए। ऐसा इसलिए कि विद्यार्थी, शिक्षकों की पहचान होते हैं ।
उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम का जिक्र किया और कहा कि राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद वे बच्चों को पढ़ाने लगे और जीवन की अंतिम सांस तक उन्होंने विद्यार्थियों के साथ संवाद किया ।
उन्होंने कहा कि स्कूल से सभी को चरित्र प्रमाणपत्र मिलता है । मैंने कहा है कि चरित्र प्रमाणपत्र के बजाय ‘अर्भिरूचि प्रमाणपत्र’ दिया जाए।