जनजीवन ब्यूरो / मुंबई : पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला के साथ मुलाकात को लेकर दिए बयान पर बवाल के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने अपना बयान वापस ले लिया है। राउत ने कहा कि वह हमेशा से इंदिरा गांधी के समर्थन में बोलते आए हैं और उनका सम्मान करते हैं। संजय राउत ने कहा कि अगर किसी को उनके बयान से ठेस पहुंची हो तो वह अपना बयान वापस लेते है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के दबाव के चलते राउत ने यू-टर्न लिया है।
संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘कांग्रेस के जो हमारे मित्र हैं उन्हें आहत होने की जरूरत नहीं है। जब कोई पहले इंदिराजी पर बोलता था तो कांग्रेस के लोग चुप बैठे रहते थे, मैं सामने आकर बोलता था। फिर भी अगर मेरी बात से इंदिराजी की प्रतिमा को ठेस पहुंची हो या कोई आहत हुआ हो तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं।’
राउत ने पहले बयान पर दी थी सफाई
इससे पहले भी संजय राउत ने अपने बयान पर सफाई पेश करते हुए कहा था कि वह इंदिरा गांधी और नेहरू की हमेशा से इज्जत करते आए हैं। उन्होंने आगे कहा कि करीम लाला से कई नेताओं की मुलाकात होती थी। संजय राउत ने अपने बयान में कहा, ‘अफगानिस्तान के पठानों के नेता के रूप में नेताओं की उनसे (करीम लाला) मुलाकात होती थी। करीम लाला के दफ्तर में कई नेताओं की तस्वीरें भी थीं। समस्या जानने के लिए करीम लाला से सभी नेता मिलते थे।’
बयान वापस लेने से मामला खत्म: बालासाहेब थोराट
महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने संजय राउत के बयान पर कहा, ‘उनका बयान गलत था लेकिन उन्होंने इसे वापस ले लिया है इसलिए मामला खत्म हो गया है। उन्हें भविष्य में सावधानीपूर्वक रहना होगा। हमने उन्हें (उद्धव ठाकरे को) इससे अवगत कराया था।’
इतिहास की समझ न रखने वालों ने इंदिरा पर मेरी टिप्पणी को तोड़ा-मरोड़ा: राउत
संजय राउत ने गुरुवार को सफाई देते हुए कहा कि मुंबई के इतिहास की समझ न रखने वालों ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ डाला। राउत के अनुसार, उनके कहने का आशय यह था कि करीम लाला पठान समुदाय के प्रतिनिधि थे और उनकी इसी हैसियत के कारण उनसे पूर्व प्रधानमंत्री की मुलाकात की वजह थी।