जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 2015 के दिल्ली चुनाव में महज 03 सीटों पर अटक गई थी। इस बार 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जिसमें चार पूर्व महापौर और कई पार्षदों पर भरोसा जताया गया है।
पहली सूची में मौजूदा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, सहित बीजेपी के सभी तीनों विधायकों, पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के भाई और पूर्व महापौर मास्टर आजाद सिंह और आप के पूर्व विधायक कपिल मिश्रा के नाम शामिल हैं। रेखा गुप्ता को शालीमार बाग से टिकट दिया गया है। पहली सूची में बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा सांसद मनोज तिवारी का नाम नहीं है।
उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए तिवारी ने कहा कि गुप्ता रोहणी सीट से चुनाव लड़ंगे, आजाद सिंह मुंडका से और कपिल मिश्रा मॉडल टाउन से किस्मत आजमाएंगे। मनोज तिवारी ने भरोसा जताया कि सकारात्मक अजेंडे के बल पर बीजेपी दो दशक से विपक्ष में बैठने के क्रम को इस चुनाव में तोड़ेगी और सत्ता में वापसी करेगी। इस सूची में बीजेपी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है।
पूर्वांचल के सिर्फ 8 उम्मीदवारों को टिकट
जिन पूर्वांचल वोटों के सहारे बीजेपी को दिल्ली चुनाव में आस है, उन्हीं को टिकट देने में पार्टी ने कंजूसी दिखा दी है। अब तक घोषित 57 उम्मीदवारों में सिर्फ 8 पूर्वांचली उम्मीदवार हैं, जबकि पार्टी की ओर दावा किया गया था कि इस बार विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में पूर्वांचली उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा। दिल्ली में 40 फीसदी के करीब पूर्वांचल के वोटर हैं। लगभग 25 से 30 विधानसभा सीटों पर इनकी संख्या निर्णायक है। उधर आम आदमी पार्टी ने 12 पूर्वांचली उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जिन क्षेत्रों से पूर्वांचल के उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है, इसमें लक्ष्मी नगर से अभय वर्मा को, विकासपुरी से सजय सिंह को, मॉडल टाउन से कपिल मिश्रा, द्वारका से प्रद्युम्न राजपूत, बादली से विजय भगत, रिठाला से मनीष चौधरी, पालम से विजय पंडित और सीलमपुर से कौशलेंद्र मिश्रा हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने सिर्फ 8 पूर्वांचली उम्मीदवारों पर दांव लगाया था। उस समय पार्टी की करारी हार हुई थी, जिसकी मुख्य वजह पूर्वांचली वोटरों का आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ झुकाव माना गया था।
अनुसूचित जाति के 11 प्रत्याशी
बीजेपी ने खुशी राम को आंबेडकर नगर, रविंद्र गुप्ता को मटिया महल और योगेंद्र चंदोलिया को करोल बाग से उतारा है तीनों पूर्व महापौर रह चुके हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरपी सिंह को भी राजेंद्र नगर से प्रत्याशी बनाया गया है। इस सूची में 11 प्रत्याशी अनुसूचित जाति के हैं जो सुरक्षित सीटों से किस्मत आजमाएंगे।
पुराने चेहरों पर भरोसा, आप के 2 बागियों को उतारा
पार्टी की ओर से शुक्रवार को घोषित अधिकतर प्रत्याशियों को 2013 और 2015 चुनाव में भी बीजेपी ने मौका दिया था। बीजेपी की सूची में दिल्ली के तीन नगर निगमों के 6 मौजूदा और 13 पूर्व पार्षद शामिल हैं। आप छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले कई नेताओं में से पार्टी ने केवल दो पूर्व विधायकों को ही टिकट दिया है। हालांकि, इस सूची में देवेंद्र सहरावत और गुगन सिंह का नाम नदारद है।
मौजूदा सांसदों को भी उतार सकती है पार्टी
बीजेपी सूत्रों ने बताया कि तीन सीटें- कालकाजी, हरीनगर और राजौरी गार्डन सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को दी जा सकती है। राजौरी गार्डन से मौजूद समय में अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा विधायक हैं जो बीजेपी के टिकट पर जीते हैं। पहली सूची में कृष्णानगर, नई दिल्ली, बुराड़ी, महरौली और कस्तूरबा नगर सहित कई सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है और कयास लगाए जा रहे हैं कि जीत की बेहतर संभावना के मद्देनजर पार्टी मौजूदा सांसदों को मैदान में उतार सकती है।
आप के खिलाफ बीजेपी तरकश
माना जा रहा है कि इस बार दिल्ली विधानसभा में एक बार फिर आप-बीजेपी-कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय लड़ाई होगी। इस चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘आप’ सरकार की मुफ्त बिजली, पानी और महिलाओं की बसों में यात्रा की योजना पर भरोसा है। वहीं बीजेपी को लगता है कि अनधिकृत कॉलोनियों के लोगों को संपत्ति का अधिकार देने और संशोधित नागरिकता कानून सहित मोदी सरकार के फैसलों की वजह से वह दिल्ली चुनाव में जीत दर्ज करेगी।
“बीजेपी जातपात की राजनीति नहीं करती है। पार्टी ने योग्य उम्मीदवारों को टिकट दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पूर्वांचल के हैं, जो दिल्ली में बसे पूर्वांचल के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। पाषर्द हमारे कार्यकर्ता हैं, वे मेहनत करते हैं। उनका काम बोलता है, इसलिए उन्हें टिकट दिया गया।”-नवीन कुमार, दिल्ली प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता