जनजीवन ब्यूरो
फरीदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओआरओपी पर सरकार के फैसले को लेकर सैन्य बलों को ‘गुमराह करने का’ का प्रयास करने वालों पर आज निशाना साधा और कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि इस विपक्षी पार्टी के पास सवाल करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि उसने पूर्व सैन्यकर्मियों की मांग पर बीते 40 वर्षों में कुछ नहीं किया.सरकार की ओर से वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) के क्रियान्वयन का ऐलान किए जाने के एक दिन बाद आज मोदी ने कहा कि यह ‘कठिन’ निर्णय था जिसमें आगे जटिलताएं हो सकती है जिनको अभी देखना बाकी है.ओआरओपी के क्रियान्वयन पर करीब 8,000-10,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग सैन्य बलों को विशेष रुप से समयपूर्व सेवानिवृत्ति तथा एक आयोग गठित करने के प्रस्ताव के मुद्दे पर ‘गुमराह करने’ का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘सेना में जवान 15-17 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो जाते हैं. कुछ लोग सोचते हैं कि उन्हें ओआरओपी नहीं मिलेगा…..वे आपको वीआरएस :स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति: का नाम लेकर गुमराह कर रहे हैं.’ मोदी ने आगे कहा, ‘‘परंतु अगर किसी को ओआरओपी पहले मिलेगा तो वो जवान हैं….जो घायल हुए हैं, जिनको अनिवार्य रुप से सेना छोडनी पडती है उनको ओआरओपी मिलेगा. और जो प्रधानमंत्री सेना से प्रेम करता है वो ऐसे लोगों को ओआरओपी के लाभ से वंचित करने के बारे में सोच भी नहीं सकता.’ सेना में करीब 85 फीसदी भागीदारी जवानों के होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों को 15-17 साल की सेवा के बाद अनिवार्य रुप से सेवानिवृत्त होना पडता है उनको इस फैसले का सबसे अधिक फायदा होगा. उन्होंने कहा, ‘‘भ्रमित होने की कोई जरुरत नहीं है.’
आयोग गठित किए जाने के प्रस्ताव का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सैन्य बलों को इस मुद्दे पर गुमराह नहीं होना चाहिए क्योंकि यह कोई वेतन आयोग नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई कमी रह गई है तो यह आयोग उसका निवारण करने और यह देखने के लिए भी है कि क्या किसी छोटे-मोटे बदलाव की जरुरत है.’ मोदी ने पूर्व की सरकार का परोक्ष हवाला देते हुए कहा, ‘‘जिन लोगों ने ओआरओपी के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था वे भी इस मुद्दे को नहीं समझ सके.’
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर परोक्ष रुप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जिन लोगों ने 40-42 साल तक कुछ नहीं किया क्या उनको सवाल पूछने का अधिकार है? उन्होंने सिर्फ आपको गुमराह किया और पाप किया है. वे राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं….एक दूसरे से श्रेष्ठ बनने की होड से राष्ट्र का भला नहीं होगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘एक नया फैशन है कि जब सरकार अच्छा फैसला करती है तो उसको लेकर वे लोग सवाल करते हैं जो विकास नहीं चाहते हैं.’ मोदी ने याद दिलाया कि यह मुद्दा बीते 42 वर्षों से लंबित था और बहुत सारी सरकारें आईं लेकिन किसी ने इसका समाधान नहीं निकाला.
उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ बात की गई. इसे लागू करना मुश्किल था. मेरे लिए भी यह आसान फैसला नहीं था, लेकिन मैं सैन्य बलों का सम्मान करता हूं. मैंने जो भी वादा किया था मैंने उसे लागू किया है….इसकी जटिलताओं के बारे में अभी जानना बाकी है.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने 13 सितंबर, 2013 को हरियाणा के रेवाडी में पूर्व सैन्यकर्मियों की रैली को संबोधित करते हुए वादा किया था.उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व की सरकार ने 500 करोड रुपये का प्रस्ताव दिया था. हमने सोचा था कि यह 600-700 करोड रुपये हो सकता है. आकलन करते समय नयी चीजें सामने आईं. मैंने हर पहलू को सुलझाया और हमने आकलन किया कि कि खर्च करीब 8000-10,000 करोड़ रुपये होगा.’
अपनी सरकार की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि वह पिछले साल 26 मई को सत्ता में आए थे और इसके बाद से उनकी जिम्मेदारी बनती हैं जबकि कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि यह फैसला देशभक्ति से प्रेरित है और उन्होंने सैन्य बलों से कहा कि ‘सरकार आपकी है और आपकी चिंताओं को देखने के लिए है और जहां भी जरुरी होगा आपके लिए खडी होगी. ‘ उन्होंने कहा कि सिर्फ राजनीति में संलिप्त होने से देश का भला नहीं होगा, बल्कि देश का भला राष्ट्रीय नीति से होगा.
मोदी ने कहा, ‘‘संघर्ष के जरिए देश विकसित नहीं हो सकता, बल्कि यह संवाद के जरिए हो सकता है. चुनाव आएंगे और जाएंगे. हमारी समस्याओं का सिर्फ एक समाधान विकास है. हम सिर्फ एक बिंदु, एक मंत्र, एक उद्देश्य और एक लक्ष्य यानी विकास को लेकर काम कर रहे हैं.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह बेहतर होता अगर पिछले 60 वर्षों में विकास कार्य पूरा हुआ होता. बहुत सारे काम लंबित हैं. परंतु सिर्फ पूर्व की सरकार की आलोचना करने से मदद नहीं मिलेगी. हमारी जिम्मेदारी विकास के रास्तों की ओर देखना है.’
मोदी ने कहा कि हाल के समय में पूरे विश्व ने आर्थिक संकट का सामना किया है और बहुत मजबूत बुनियाद वाले देश भी हिल गए. उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्रियों ने कहा कि सिर्फ एक देश टिका रहा और वह भारत है.प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले 15 महीनों में अपनाई गई नीतियों के कारण देश आर्थिक मोर्चे पर मजबूती के साथ खडा हुआ है.’ उन्होंने कहा कि सिर्फ मजबूत खडे रहना स्वीकार्य नहीं है और देश को आगे बढना चाहिए जिसके लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर करना चाहिए.बदरपुर-फरीदाबाद मेट्रो स्टेशन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे को विकसित करने और रेल एवं सडक जैसी सुविधाओं की जरुरत पर जोर दिया ताकि विकास का फायदा सभी लोगों तक पहुंच सके.
मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में सरकार देश के शहरों की तस्वीर बदलना चाहती है और उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘स्मार्ट सिटी’ योजना एक आंदोलन की शुरुआत करेगी जिसमें पूरे देश के लोग योगदान दे सकेंगे. उन्होंने कहा कि शहरों को अधिक हरित बनाने की जरुरत है.फरीदाबाद तक पहुंचने के लिए वायलेट लाइन मेट्रो का इस्तेमाल करने वाले प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोरिडोर को बल्लभगढ तक पहुंचाया जाएगा.उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मेट्रो लाइन से हरियाणा राज्य को आर्थिक गति मिलेगी तथा ऐसी संभावना है कि दिल्ली से पर्यटक मेट्रो के जरिए फरीदाबाद सप्ताहांत पर छुट्टिया मनाने पहुंचे जिससे यहां युवाओं को जीविका मिल सकेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने साल 2022 तक सभी को मकान मुहैया कराने की मुश्किल चुनौती ली है. उन्होंने हरियाणा से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ अभियान की शुरुआत किए जाने का भी उल्लेख किसया.केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने पूरी दुनिया के लोगों में विश्वास पैदा किया है तथा ‘मोदी शब्द के अक्षरों :अंग्रेजी भाषा: का मतलब ‘मेकर ऑफ डेवलप्ड इंडिया’ होता है.हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मोदी के नेतृत्व को लेकर उनकी प्रशंसा की. खट्टर ने कहा कि राज्य में निवेशकों को लुभाने के लिए निवेश शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई जा रही