जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । सीएए और एनआरसी पर सियासी तकरार के बीच अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर सियासी घमासान और तेज होने वाला है। कांग्रेस ने तल्ख तेवर अपनाने के संकेत दिए हैं। चर्चा है कि कांग्रेस शासित राज्य इस प्रक्रिया में असहयोग रुख अपना सकते हैं। केरल सरकार पहले ही ऐलान कर चुकी है कि वह अप्रैल से शुरू हो रहे एनपीआर का हिस्सा नहीं होगी। अब सबकी निगाहें विपक्षी दलों पर है कि आखिर वे क्या रवैया अपनाते हैं?
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि एनआरसी का अगला कदम एनपीआर है, ऐसे में इस प्रक्रिया में हमारा असहयोग रुख रहेगा। सबसे अहम बात यह है कि एनपीआर प्रक्रिया में राज्यों की भूमिका बेहद अहम होगी। ऐसे में यदि ये राज्य सहयोग नहीं करते हैं तो फिर एनपीआर मूल उद्देश्य को बमुश्किल ही हासिल कर पाएगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल का कहना है, ‘एनपीआर प्रक्रिया 1 अप्रैल, 2020 से लागू होने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। सीएए तभी धरातल पर लागू किया जा सकता है यदि हर घर जाकर एनपीआर के अंतर्गत गणना करें, जो 1 अप्रैल से शुरू होने वाला है। ऐसे में यह आज कोई मुद्दा नहीं है। सीएए पर अब सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होनी है। यदि कोर्ट इस पर अपनी मुहर लगा देता है तो फिर हर किसी को इसे (सीएए) मानना होगा।’
कांग्रेस का यह रुख 11 जनवरी को कांग्रेस कार्यसमिति की हुई बैठक के बाद और स्पष्ट हो गया है। सीएए-एनआरसी-एनपीआर पर कांग्रेस ने कहा, ‘सीएए को वापस लिया जाना चाहिए और एनपीआर प्रक्रिया को भी रोक दिया जाना चाहिए।’ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि एनपीआर 2020 तो एनआरसी का ही स्वांग है।
एनपीआर से जुड़े कुछ सवालों को लेकर भी विपक्ष को परहेज है। मसलन एनपीआर में मां-बाप के ‘जन्म स्थान’ और ‘जन्म तिथि’को लेकर सवाल हैं, जिससे कुछ लोगों के मन में आशंका पैदा हो गई कि यह एनआरसी लागू करने लिए किया जा रहा है।
एनपीआर भारत में रहने वाले स्वाभाविक निवासियों का एक रजिस्टर है। इसे ग्राम पंचायत, तहसील, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है। नागरिकता कानून, 1955 और सिटिजनशिप रूल्स, 2003 के प्रावधानों के तहत यह रजिस्टर तैयार होता है। देश के हर निवासी की पूरी पहचान और अन्य जानकारियों के अधार पर उनका डेटाबेस तैयार करना इसका अहम उद्देश्य है। सरकार अपनी योजनाओं को तैयार करने, धोखाधड़ी को रोकने और हर परिवार तक स्कीमों का लाभ पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल करती है।