नई दिल्ली। दिल्ली चुनाव में “जनाधार” की महिला विधायक प्रत्याशी के साथ हुई बदतमीजी ने राजधानी के महिला सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान लगा दिया है। आलम यह है कि आक्रोशित जनाधार नेशनल पार्टी एक संवाददाता सम्मेलन बुलाकर अन्य राजनीतिक दलों समेत प्रशासनिक अधिकारियों को कटघरें में कर दिया।
जनाधार नेशनल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती शशि मिश्र ने बुधवार को प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि महिला की पीड़ा एक महिला ही ज्यादा अच्छे से समझ सकती है। इसके लिए हमने पूर्व में कई रणनीतियां बनाई और देश की हर बड़ी पार्टी के उम्मीदवारों तक पहुंचकर उनके चुनावी घोषणा पत्रों में इसको शामिल करवाया।
मटियाला विधानसभा प्रत्याशी जनाधार नेशनल पार्टी की श्रीमती संध्या सिंह का कहना है कि एक साफ नियत के साथ महिला का अपने दम पर चुनाव मैदान मे उतरना आसान नहीं है। उनका कहना था कि प्रचार के दौरान किसी मनचले ने मेरे साथ बदतमीजी किया। इसके साथ-साथ कुछ इलाकों में मौजूदा पार्टियों के समर्थकों ने हमे डरा-धमकाकर संबंधित क्षेत्र से भगाने का प्रयास भी किया। कुछ जगहों पर हमें प्रचार करने से भी रोका गया।
जनाधार के महासचिव राजेश हजारी का कहना है कि उक्त पार्टियों ने चुनाव जीतने तक महिलाओं के अधिकारों की जमकर बात की, मगर जीतने के बाद यह भुला दी गईं। जनाधार के संगठन अध्यक्ष प्रताप सिंह तोमर का कहना है कि लगातार यही स्थिति हर पार्टी के साथ हमारे सामने आई, तो हमने तय किया कि अब हम खुद चुनाव के मैदान में इन मुद्दों पर उतरने की हिम्मत करेंगे। इसके बाद हमने जनाधार को जनाधार नेशनल पार्टी के रूप में बनाया। सनद रहे कि “जनाधार“ सालों से महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है।