जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । लगभग दस घंटे बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शुरु हो जाएंगे। इस दौरान कही शराब तो कहीं थैली भेंट की जा रही है। चुनाव में आज की रात काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। दिल्ली चुनाव में इस बार किसका पलड़ा भारी रहेगा इसपर सबकी नजरें टिकी हैं। पिछले पांच सालों के दौरान दिल्ली की सियासत में काफी कुछ बदला है। जिस तरह से राहुल गांधी दिल्ली की चुनावी जंग से गायब थे वे एक ही डंडे में चुनावी माहौल में गरमी ला दिए।
पूरे चुनाव प्रचार पर नजर डालें तो कांग्रेस लगभग गायब दिखी। जब चुनाव प्रचार थमने में दो दिन बचे तब कांग्रेस के राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिल्ली के हौज काजी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘ये जो नरेंद्र मोदी भाषण दे रहे हैं, 6 महीने बाद ये घर से बाहर नहीं निकल पाएंगे। हिंदुस्तान के युवा इनको ऐसा डंडा मारेंगे, इसको समझा देंगे कि हिंदुस्तान के युवा को रोजगार दिए बिना ये देश आगे नहीं बढ़ सकता।’
मोदी भी राहुल गांधी की ताक में घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही राहुल गांधी के डंडे वाले बयान का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के पटल को चुना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा, ‘मैंने कांग्रेस के एक नेता का घोषणापत्र सुना कि 6 महीने में मोदी को डंडे मारेंगे। काम जरा कठिन है, लेकिन तैयारी के लिए समय तो लगेगा। मैंने भी 6 महीने में तय किया है कि रोज सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा। 20 साल से जिस तरह गंदी गाली सुन रहा हूं, मैंने खुद को गाली प्रूफ बना लिया है। मैं आभारी हूं कि मुझे 6 महीने का समय दिया गया है।’ इसके बाद पीएम मोदी ने शुक्रवार को असम के कोकराझार की रैली से डंडे वाले बयान पर राहुल गांधी को जवाब दिया। भीड़ की ओर से इशारा करते हुए पीएम ने कहा कि जब इतने लोग उनके लिए रक्षा कवच बने हुए हैं तो भला उन्हें डंडे खाने में क्या गुरेज होगा।
आप ने विकास से शुरू की बात
आम आदमी पार्टी (APP) ने दिल्ली चुनाव प्रचार की शुरुआत ‘अच्छे बीते पांच साल, लगे रहो केजरीवाल’ के नारे के साथ की। अपने इसी नारे को ध्यान में रखकर आप ने सोशल मीडिया से लेकर पूरी दिल्ली में प्रचार-प्रसार किया। इस नारे को सही साबित करने के लिए आप के नेता पिछले पांच साल में हुए कामों की फेहरिस्त गिनाते हुए दिखे, लेकिन जब चुनाव प्रचार अपने चरम पर पहुंचा तो विकास की बातें पीछे चली गईं और शाहीन बाग से लेकर हनुमान चालीसा जैसी बातें केंद्र में आ गईं। खुद केजरीवाल मंच पर हनुमान चालीसा पढ़ते देखे और सुने गए।
बीजेपी ने चुनाव प्रचार में गरमाया ‘शाहीन बाग’
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ शाहीन बाग में लोग करीब दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले सीएए के खिलाफ विरोध जताने के लिए सीलमपुर, जामिया आदि इलाकों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए। दिल्ली चुनाव प्रचार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उतरते ही प्रचार की पूरी दिशा शाहीन बाग की ओर हो गई। शाह अपनी रैलियों में सीधे-सीधे कहते दिखे कि यह चुनाव आतंकियों का सफाया करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाहीन बाग समर्थकों के बीच की लड़ाई है। CAA पर पीएम ने एक दिन पहले भी कहा कि हिंसा को प्रदर्शन का नाम दिया जा रहा है।
इसके बाद पश्चिमी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद प्रवेश वर्मा, आप से बीजेपी में आए कपिल मिश्रा, तेजिंदर सिंह बग्गा जैसे नेताओं ने पूरे चुनाव प्रचार में शाहीन बाग और पाकिस्तान के मुद्दे को गरमाए रखा। इसी दौरान एक चुनावी सभा में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर विपक्षी दलों के खिलाफ विवादित नारा लगवाते भी दिखे। कुछ पर चुनाव आयोग ने प्रचार करने पर प्रतिबंध भी लगाया।
इतना कुछ हो जाने के बाद आम आदमी पार्टी भी विकास के मुद्दे को भूल गई और खुद को हिंदू हितैषी स्थापित करने में जुट गई। शाहीन बाग के मुद्दे पर पहले तो सीएम केजरीवाल बचते-बचाते हुए बयान देते दिखे, लेकिन बाद में वह रैली में हनुमान चालीसा गाकर हिंदूओं के प्रति अपना समर्पण दर्शाने की कोशिश करते दिखे।
रैली के दौरान हाथ में गदा थामे अरविंद केजरीवाल ने लोगों से कहा, ‘यह हनुमान का प्रतीक है। जब मैंने हनुमान चालीसा सुनाई, तो बीजेपी वालों को मिर्ची लग गई। अभी मैंने हनुमान चालीसा गाई है और अब सारे बीजेपी नेताओं से हनुमान चालीसा गवाऊंगा।’ इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीजेपी की वजह से अरविंद केजरीवाल भी हनुमान चालीसा गा रहे हैं।
घोषणापत्र में ‘फ्री’ की भरमार
चुनाव प्रचार में भले ही शाहीन बाग और हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा केंद्र में रहा हो लेकिन घोषणापत्र में सभी दलों ने जमकर ‘फ्री’ शब्द का प्रयोग किया है। आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस तीनों ही दलों के घोषणापत्र में फ्री देने के कई वादे किए गए हैं।
सबसे पहले आप के घोषणा पत्र की बात करें तो 200 यूनिट मुफ्त बिजली, 10 लाख बुजुर्गों को फ्री तीर्थयात्रा, 20 हजार लीटर पानी मुफ्त, ग्रेजुएशन तक शिक्षा मुफ्त, फ्री चिकित्सा, महिलाओं और स्टूडेंट्स के लिए भी मुफ्त बस यात्रा जैसे वादे किए गए हैं।
बीजेपी ने भी दिल खोलकर फ्री की घोषणाएं की हैं। बीजेपी के घोषणापत्र में 200 यूनिट बिजली फ्री, 20 हजार लीटर पानी फ्री, गरीबों को दो रुपये किलो आटा, 9वीं कक्षा के छात्रों को साइकिल फ्री, कॉलेज जाने वाली छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी फ्री, गरीबों की लड़की के अकाउंट में 21 साल में 2 लाख रुपये, गरीब विधवा की बेटी की शादी के लिए 51 हजार रुपये उपहार जैसी लोकलुभावन घोषणाएं हैं।
कांग्रेस के घोषणापत्र में भी फ्री देने की कई बातें हैं। कांग्रेस ने 300 यूनिट तक मुफ्त, 300-400 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने पर 50% की छूट, 20 हजार लीटर तक पानी मुफ्त, शीला पेंशन योजना के तहत 5,000 रुपये प्रति महीना, ग्रेजुएट को हर महीने 5 हजार रुपये और पोस्ट ग्रेजुएट को 7,500 रुपये बेरोजगारी भत्ते की योजना, बीपीएल कोटे वाले परिवारों के एक सदस्य को स्टार्टअप के लिए 25 लाख रुपये की एकमुश्त राशि देने जैसे वादे किए हैं।