अमलेंदु भूषण खां
नई दिल्ली । चीन में फैले कोरोना वायरस भारत के लिए संजीवनी साबित हो सकता है। भारत सरकार इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए अपनी रणनीति बनाने में जुटी हुई है। खासकर स्टील उद्योग क्षेत्र में इस दिशा में काम तेजी से हो रहा है। इस बात का खुलासा खुद स्टील एवं पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की।
कोरोना वायरस चीन की आर्थिक स्थितम पर असर डाल रहा है। चीन की अर्थव्यवस्था को जो नुक़सान हो रहा है वह वायरस से ज़्यादा उसे फैलने से बचाने के क्रम में हो रहा है। चीन में उत्पादन और बिक्री दोनों में कमी आई है और कंपनियों के पास नकदी नहीं आ रही है। इसका सबसे ज़्यादा असर छोटे कारोबारों पर पड़ा है। चीन के निर्माताओं को चीन के अंदर ही नहीं बल्कि बाहर भी नुक़सान हो रहा है। विदेशों में लोग चीन में बना समान खरीदने से बच रहे हैं। कई बड़ी कंपनियों ने जैसे फर्नीचर कंपनी आइकिया, स्टारबक्स ने अपना ऑपरेशन चीन में बंद कर दिया है। कई एयरलाइन्स ने भी अपनी फ्लाइट्स रद्द कर दी हैं और इंटरनेशनल होटल ग्राहकों का एडवांस पैसा वापस लौटा रहे हैं।
कच्चे स्टील उत्पादन में भारत पूरी दुनिया में अभी दूसरे पायदान पर है। इसके बावजूद रक्षा क्षेत्र की जरुरतों को पूरा करने के लिए भारत को स्टील आयात करना पड़ता है। स्टील मंज्ञालय और सीआईआई द्वारा आयोजित हर काम देश के नाम कार्यक्रम में केंद्रीय स्टील एवं पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा कि चीन में फैले कोरोना वायरस भारत के लिए फायदेमंद है। कोरोना वायरस तीन साल तक चीन को प्रभावित करता रहेगा। इसलिए इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए मंत्रालय तैयारी में जुटा हुआ है। उनका कहना है कि जब से कोरोना वायरस फैला है चीन में बने स्टील उत्पादों को दुनिया के किसी देशों में मांग नहीं हो रही है। ऐसे में भारत के सरकारी व निजी कंपनियों को चाहिए कि वो बेहतर स्टील का उत्पादन करके दुनिया की जरुरतों को पूरा करे।
उन्होंने कहा कि यह कितनी हास्यास्पद स्थिति है कि चीन, कोरिया समेत कई देश भारत से कच्चे माल का आयात करके उससे स्टील बनाता है और फिर उससे बने माल को भारत को निर्यात कर देता है। इससे बचने के लिए देश की कंपनियों को अपने रिसर्च विंग को मजबूत करना होगा।
प्रधान ने कहा कि रेल व रक्षा क्षेत्र में स्टील की उपयोगिता को बढ़ाया जा सकता है। प्रतिदिन सैकड़ों किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाने का काम हो रहा है। साथ ही प्रतिदिन रेल कोच तैय़ार किए जा रहे हैं। पहले इन क्षेत्रों के लिए स्टील का आयात किया जाता था लेकिन अब स्वदेशी उत्पादनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे न सिर्फ स्टील का उत्पादन बढ़ेगा बल्कि लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा।
कोरोना वायरस का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ने की आशंका है। यह प्रभाव 2003 में फैले सार्स (सेवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिन्ड्रोम) के मुकाबले अधिक है। इसके कारण चीनी अर्थव्यवस्था में नरमी का अन्य देशों पर व्यापक असर पड़ेगा। सूचना और विश्लेषण उपलब्ध कराने वाली कंपनी आईएचएस मार्किट के अनुसार कोरोना वायरस से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से पर प्रभाव पड़ा है और सभी उद्योगों पर इसका असर दिख रहा है। आईएचएस ने कोरोना वायरस पर अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘कोरोना वायरस का 2003 में फैले सार्स के मुकाबले व्यापक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सार्स के समय चीन छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश था और वैश्विक जीडीपी में उसका योगदान केवल 4.2 प्रतिशत था। चीन अब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वैश्विक जीडीपी में उसका योगदान 16.3 प्रतिशत है। इसीलिए चीनी अर्थव्यवस्था में किसी भी प्रकार की नरमी का केवल झटका नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा’’ इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस को काबू में करने के लिये अगर मौजूदा और अप्रत्याशित उपाय फरवरी तक रहता है और मार्च की शुरूआत से हटा लिया जाता है तब इसका आर्थिक प्रभाव 2020 की पहली छमाही तक सीमित होगा। इसके कारण वैश्विक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में पहली तिमाही में 0.8 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 0.5 प्रतिशत की कमी आएगी। ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस और उसके निपटने के उपायों से वास्तविक तौर पर वैश्विक जीडीपी वृद्धि में 2020 में 0.4 प्रतिशत की कमी आएगी। वहीं दूसरी तरफ निपटने के उपायों को 10 फरवरी तक हटा लिया जाता है, तब वैश्विक जीडीपी पर प्रभाव सीमित होगा और इस साल वैश्विक जीडीपी वृद्धि में 0.1 प्रतिशत की कमी आएगी। वहीं चीन की सालाना वृद्धि में 0.4 प्रतिशत की कमी आएगी। आईएचएस मार्किट के अनुसार, ‘‘कोरोना वायरस का प्रभाव घरेलू खपत पर स्पष्ट है जबकि औद्योगिक क्षेत्र पर अपेक्षाकृत कम रहेगा। इसका कारण इस समय आम तौर पर उद्योग बंद रहते हैं। इसके बावजूद चीन की अर्थव्यवस्था 2003 के मुकाबले ज्यादा नाजुक स्थिति में है। उत्पादकता और कुल मिलाकर आर्थिक वृद्धि में नरमी अभी से देखी जा रही है।