जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आज कहा कि भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से लोग सामान्य संक्रमण और मामूली चोटें में भी झट से एंटीबयोटिक का इस्तेमाल करते हैं। जिसके कारण दवाओं की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही है और उपचार विफल हो रहा है। संगठन ने लोगों की सेहत के सामने मौजूद इस खतरे पर तत्काल ध्यान देने को कहा है।
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने तिमोर-लेस्ते की राजधानी दिली में क्षेत्रीय बैठक में कहा, दुनिया को एंटीबायोटिक से पहले के कालखंड की ओर बढ़ने से रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई जरुरी है जिसमें संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण की दिशा में मिलीं सभी उपलब्धियां बेकार चली जाएंगी।
उन्होंने आगाह किया कि सामान्य संक्रमण और मामूली चोटें भी एक बार फिर लाखों की संख्या में लोगों की जान ले सकती हैं जो दशकों से इलाज योग्य रहीं हैं। एंटीबायोटिक्स का प्रतिरोध जटिल सर्जरी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के प्रबंधन को अधिक मुश्किल बना देगा।