अमलेंदु भूषण खां / चित्रकूट । यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ वर्षों से उपेक्षित बुंदेलखंड के विकास के प्रति बचनबद्ध दिखाए दे रहे हैं। इसी कड़ी में भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के कालखंड में जिस पावन धरती पर सर्वाधिक समय व्यतीत किया था आज चित्रकूट की पावन धरती पर बुंदेलखंड विकास की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रखी। करीब 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की बटन दबाकर आधारशिला रखी। यह एक्सप्रेस-वे फरवरी 2018 में सरकार द्वारा घोषित उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे की सहमति के बिंदुओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
पीएम ने कहा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे व अन्य एक्सप्रेस-वे यूपी में व्यापार कनेक्टिविटी बढ़ाएंगे। चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ओरैया और इटावा आदि जिलों के लोग एक्सप्रेस-वे का लाभ उठा पाएंगे।
मोदी ने कहा इस साल के बजट में यूपी डिफेंस कॉरिडोर के लिए तीन हजार सात सौ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से यूपी डिफेंस कॉरिडोर को भी गति मिलने वाली है।
बुंदेलखंड क्षेत्र मेक इन इंडिया का बहुत बड़ा सेंटर बनने वाला है। यहां बना साजो-सामान पूरे विश्व में निर्यात भी होगा। यहां बड़ी-बड़ी फ्रैक्ट्रियां लगनी शुरू हो जाएंगे तो आस-पास के व्यापक और लघु उद्घोग को भी लाभ होगा। यहां के किसानों को भी लाभ होगा। इस तहर रोजगार के अवसर पैदा होंगे और हर परिवार की आय में बढ़ोतरी होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा एक नई ऊंचाईयां प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री यहां आएं हैं। पीएम का चित्रकूट में स्वागत है। आजादी के बाद पहली बार इस देश का गांव, किसान, नौजवान, महिलाएं देश के राजनैतिक एजेंडे के हिस्से बन पाएं हैं। इससे पहले जाति, क्षेत्र, भाषा और मजहब के आधार पर देश के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने वाले लोग किस प्रकार की राजनीति करते थे, बुंदेलखंड उसका साक्षात उदाहरण है।
उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रही है, जो चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन जिलों से गुजरेगा। यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड क्षेत्र को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के रास्ते से जोड़ेगा। इसके साथ ही यह बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ओरैया और इटावा जिलों को लाभ मिलेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर सरकार 14849.09 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड क्षेत्र को सड़क मार्ग के जरिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ेगा।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 95.46 प्रतिशत भूमि का क्रय और अधिग्रहण किया जा चुका है। इसका निर्माण कार्य शुरू होने से लगभग 60 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
मोदी शनिवार को प्रयागराज में दिव्यांग महाकुंभ में शामिल हुए। मोदी शनिवार को प्रयागराज में दिव्यांग महाकुंभ में शामिल हुए।
मोदी ने यहां दिव्यांगों और बुजुर्गों को 27 हजार उपकरण बांटे। मोदी ने यहां दिव्यांगों और बुजुर्गों को 27 हजार उपकरण बांटे।
दिव्यांग महाकुंभ में 3 रिकॉर्ड बने। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने प्रमाण पत्र दिए। दिव्यांग महाकुंभ में 3 रिकॉर्ड बने। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने प्रमाण पत्र दिए।
मोदी ने कहा- सरकार ने दिव्यांगों के लिए आरक्षण 3 से 4 फीसदी कर दिया है। मोदी ने कहा- सरकार ने दिव्यांगों के लिए आरक्षण 3 से 4 फीसदी कर दिया है।
मोदी ने कहा- सरकार का दायित्व है कि सबका विकास हो ‘इसी सोच के साथ हमारी सरकार समाज के हर व्यक्ति के विकास के लिए उसके जीवन को आसान बनाने के लिए काम कर रही है। चाहे वह वरिष्ठजन हों या दिव्यांगों या फिर आदिवासी। सभी भारतीयों की सेवा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विशेषकर दिव्यांगों की तकलीफों को सरकार ने समझा है। सरकार संवेदनशीलता से काम कर रही है।’
‘हमारी सरकार ने दिव्यांगों की नियुक्ति के लिए एक अभियान चलाया है। आरक्षण 3% से बढ़ाकर अब 4% कर दिया है। कौशल विकास भी हमारी प्राथमिकता रही है। सरकार ने 2 लाख दिव्यांगों को स्किल ट्रेनिंग देने का काम किया है। 5 लाख लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। दिव्यांगों से जुड़े खेलों में दिव्यांगों ने भारत का नाम रोशन किया है।’
‘हमारी सरकार ने दिव्यांगों के लिए जिस सेवा भाव से काम किया है, उसकी जितनी चर्चा होनी चाहिए थी उतना नहीं हो पाई। सामान्यजनों के अधिकारों की रक्षा के लिए लोग काम करते हैं। पहले दिव्यांगों की 7 अलग-अलग तरह की कैटगरी होती थी उसे बढ़ाकर 21 तक कर दिया गया। हमने इसका दायरा बढ़ा दिया है।’
‘दिव्यांगों की तकलीफ-समस्या जिस गंभीरता से सुनी जानी चाहिए थी, उस पर ध्यान नहीं दिया गया। दिव्यांगों के लिए जब मन में कुछ करने की पीड़ा होती है, तब कुछ काम होता है। देशभर की सरकारी इमारतों को दिव्यांगों के लिए सुगम्य बनाने के लिए जो नई इमारतें और रेलवे कोच बन रहे हैं, उन्हें दिव्यांगों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है।’
‘एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर अलग-अलग भाषा होने पर दिव्यांगों को बहुत दिक्कत होती है। दिव्यांगों के लिए भी एक कॉमन लैंग्वेज हो, इसका प्रयास भी हमारी सरकार ने शुरू किया। इसके लिए सरकार ने इंडियन साइंस लैंग्वेज एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना की है। साइन के तहत भाषण को बताने का प्रयास किया जा रहा है।’
‘आयुष्मान भारत योजना की तहत गरीबों और दिव्यांगजनों को इसका लाभ मिल रहा है। गरीब से गरीब देशवासी भी बीमा की सुविधा से जुडे़ं इसके लिए 2-2 लाख रुपए की बीमा की योजनाएं चल रही हैं। अभी तक 24 करोड़ से अधिक लोग इस योजना से जुड़ चुके हैं। अब तक लगभग 4 हजार करोड़ रुपए के क्लेम भी लोग कर चुके हैं।’