जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। भाजपा अब गंगा के सहारे वोटों का ध्रुवीकरण करने की तैयारी कर रही है।गंगा जिन प्रदेशों से होकर बहती हैं वहां के मतदाताओं को अब गंगा से जुड़ी आस्था के साथ जोड़ते हुए पार्टी अपने साथ जोड़ने की मुहिम चलाने जा रही है। इस कार्य को अंजाम देने के लिए पार्टी जल्दी ही दो यात्राएं आयोजित करने जा रही है। पहली यात्रा गोमुख से प्रारंभ होकर गंगा सागर तक जाएगी तथा दूसरी यात्रा उसी समय गंगा सागर से प्रारंभ से होकर गोमुख तक जाएगी। गंगा के पथ के साथ- साथ चलने वाली इन यात्राओं का संगम इलाहाबाद में होगा। इन यात्राओं का आयोजन ‘नमामि गंगा समिति के तत्वाधान में होगा।
गंगा की साफ-सफाई कर उसे पुराने स्वरूप में वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समिति का गठन करवाया था। समिति की बैठक अगामी 2 अक्टूबर होगी।
सूत्रों ने बताया कि अभी पिछले मंगलवार को ही इस समिति की एक बैठक आलाकमान अमित शाह की अध्यक्षता में हुई थी। सूत्रों ने बताया कि गंगा का प्रभाव क्षेत्र उतराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पचिम बंगाल में है। इन्हीं प्रदेशों में भाजपा का वोट बैंक भी है। इस वोट बैंक ने अभी पिछले लोक सभा चुनावों में भाजपा को भारी मत भी दिए परंतु अब उसी वोट बैंक में दरार पड़ने की खबरें भी आ रही है। कुछ लोग इसका कारण केंद्रीय सरकार की परफारमेंस बता रहे हैं तो कुछ विशेषज्ञों के अनुसार मतदाता प्रदेश और केंद्र के चुनावों में अलग-अलग तरह से वोट करता है। भाजपा की चिंता इसी तथ्य को लेकर है। इन प्रदेाों में अब आने वाले समय में चुनाव होने जा रहे हैं जहां अब भाजपा अपनी स्थिति मजबूत बना कर सरकार बनाना चाहती है। इसके लिए आस्था और धार्मिक भावना का दोहन पार्टी का पुराना और परीक्षण किया हुआ हथियार है। पार्टी एक बार फिर उसी हथियार का दोहन करना चाहती है।