जनजीवन ब्यूरो / पटना । बिहार की पांच राज्यसभा सीटों के लिए खींचतान शुरू हो गई है। बीजेपी के दो और जेडीयू के तीन राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में पूरा हो रहा है, जिसके चलते 26 मार्च को चुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस ने गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को वादा याद दिलाया है। बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह ने राज्यसभा की एक सीट बिहार के कांग्रेस नेता के लिए छोड़ने की अपील की है।
तेजस्वी यादव के नाम पत्र लिख कर कहा, ‘लोकसभा चुनाव के वक्त महागठबंधन के नेताओं की साझा प्रेस वार्ता के वक्त आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने साफ शब्दों में कहा था कि आरजेडी कोटे से राज्यसभा की एक सीट बिहार कांग्रेस के नेता के लिए छोड़ी जाएगी।’
‘अच्छे लोगों के लिए कहा जाता है कि प्राण जाए पर वचन न जाए‘
शक्तिसिंह गोहिल ने आगे लिखा, ‘अच्छे लोगों के लिए कहा जाता है कि प्राण जाए पर वचन न जाए। उम्मीद है कि आरजेडी के नेता अपने वचन का पालन करेंगे।’ उन्होंने साफ किया कि राज्यसभा की सीट के लिए कांग्रेस की ओर से बिहार का ही कोई नेता प्रत्याशी बनेगा। उन्होंने कहा कि मेरे जैसा कोई नेता भी (जो बिहार का मतदाता नहीं है) कांग्रेस का प्रत्याशी नहीं होगा।
खाली हो रहीं पांच सीटों में से 3 बीजेपी-जेडीयू के खाते में जाना तय
हालांकि शक्तिसिंह गोहिल के इस पत्र पर तेजस्वी यादव ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बता दें कि मौजूदा समीकरण के लिहाज से खाली हो रहीं पांच सीटों में से एनडीए के खाते में तीन जाएंगी जबकि दो सीटें आरजेडी और उसके सहयोगी दलों के खाते में जा सकती हैं। इन सीटों पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह, कहकशां परवीन, रामनाथ ठाकुर जेडीयू कोटे से हैं, तो सीपी ठाकुर और आरके सिन्हा बीजेपी के खाते से राज्यसभा सदस्य हैं।