जनजीवन ब्यूरो / भोपाल : मध्यप्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की सिफारिश पर 6 मंत्रियों (इमरती देवी, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, परद्युम्न सिंह तोमर और डॉ। प्रभुराम चौधरी) को मंत्रिमंडल से हटा दिया है। कांग्रेस से बीजेपी में जा चुके दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 19 विधायक आज बेंगलुरु से भोपाल वापस आ रहे हैं। भोपाल पहुंचने से पहले बागी विधायक ‘कमलनाथ सरकार गई, गई, गई…’ के नारे लगाते दिखे।
कमलनाथ ने सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले बागी विधायकों को बेंगलुरु से वापस बुलाने की मांग की थी। शुक्रवार को इन विधायकों के पहुंचने से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात की। विधायकों के भोपाल पहुंचने से पहले एयरपोर्ट के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है। एयरपोर्ट के बाहर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद हैं। इसे देखते हुए एयरपोर्ट के बाहर प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है।
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के बाद राजनीतिक हालात और तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता कतई पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार को भोपाल एयरपोर्ट पर देखने को मिला। इसके बाद जिलाधिकारी ने धारा 144 लागू कर दी है। दरअसल, भाजपा और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के भारी संख्या में एयरपोर्ट के पास जुटने पर स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिहाज से धारा 144 लागू की गई।
इसी हफ्ते मध्य प्रदेश में कमलनाथ और सिंधिया के बीच की खींचतान इस हद तक बढ़ी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। बेंगलुरु में मौजूद सिंधिया समर्थक 19 कांग्रेस विधायकों ने भी उनके समर्थन में इस्तीफा दे दिया। इनमें कमलनाथ सरकार के 6 मंत्री भी शामिल हैं। हालांकि इनमें से किसी का भी इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है।
विधानसभा स्पीकर ने 13 विधायकों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था। इस नोटिस की मियाद शुक्रवार शाम को खत्म हो रही है। जानकारी के मुताबिक, भोपाल पहुंचकर 19 विधायक राज्यपाल से मिलेंगे और फिर स्पीकर से मिलकर उनसे अपना इस्तीफा मंजूर करने की गुजारिश करेंगे।