- कोरोना वायरस से अब तक 5833 लोगों की जान जा चुकी है, 1.55 लाख से अधिक संक्रमित हो चुके हैं
- अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से 57 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 3000 लोग संक्रमित हैं
- इटली में 1400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 21000 से भी अधिक संक्रमित हैं
जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों की संख्या 5,833 हो गई है, जबकि 1.55 लाख से भी अधिक लोगों में इसका संक्रमण फैल चुका है। भारत में भी संक्रमण 100 का आंकड़ा पार कर गया है और दो लोगों की मौत हो गई है।
जिस चीन से कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ था, वहां मरने वालों की संख्या 3 हजार का आंकड़ा पार कर गई है और करीब 81 हजार लोगों में इसके संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से 57 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 3 हजार लोग संक्रमित हैं। सबसे बुरा हाल तो इटली का है, जहां 1400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 21 हजार से भी अधिक संक्रमित हैं। ये अहम तथ्य साफ करेंगे कि कैसे भारत ने कोरोना से लड़ने के मामले में अमेरिका-चीन जैसे देशों को पछाड़ा है।
भारत ने अमेरिका से पहले ही विदेश से लौटने वाले यात्रियों की जांच शुरू कर दी थी। भारत में 22 जनवरी के करीब ही कोरोना वायरस को लेकर एयरपोर्ट पर जांच शुरू हो गई थी, लेकिन अमेरिका ने 25 जनवरी के बाद ये कदम उठाया। बता दें कि अमेरिकी मीडिया ने इस बात पर जोर भी डाला था कि कोरोना के कुछ मामले मिलने के बावजूद वहां की सरकार ने एयरपोर्ट पर इसकी जांच शुरू नहीं की है।
भारत ने शुरुआत से ही आइसोलेशन कैंप की व्यवस्था कर दी थी, ताकि विदेश से निकाले गए लोगों और अन्य कोरोना संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखा जा सके। अब तक किसी भी संक्रमित शख्स ने सरकार पर उंगली नहीं उठाई है। इतना ही नहीं, किसी ऑथेंटिक ऑर्गनाइजेशन ने भी भारत सरकार की तैयारियों पर कोई नेगेटिव प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इस समय इटली जैसा छोटा और विकसित देश कोरोना का नया वुहान बन गया है, लेकिन 135 करोड़ की आबादी वाले देश भारत में कोरोना वायरस नियंत्रण में है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि भारत ने बिल्कुल सही समय पर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एयरपोर्ट पर जांच शुरू कर दी थी, जबकि इटली ने लापरवाही बरती। हालांकि, ये भी एक तथ्य है कि इटली में अधिकतर आबादी बुजुर्गों की है, जिन पर कोरोना वायरस का असर अधिक हो रहा है। वहीं भारत में अधिकतर आबादी युवाओं की है। वैसे भारत ने इटली से आने वालों की स्क्रीनिंग करने में देरी कर दी, वरना भारत में संक्रमण और भी कम होता।
रेस्क्यू ऑपरेशन के मामले में भारत टॉप पर है। जहां पाकिस्तान जैसे देश ने अपने नागरिकों को चीन में ही छोड़ दिया, वहीं भारत ने हर भारतीय नागरिक को निकाल लिया। भारत से सबसे अधिक फ्लाइट भेजी गई हैं। समय रहते अपने नागरिकों को निकालने की वजह से भी यहां संक्रमण काफी कम है। हाल ही में ईरान से भी 234 भारतीयों को निकाल कर देश वापस लाया गया है।
भारत ने कोरोना वायरस के खौफ को दबाने के बजाय लोगों को उससे निपटने के तरीके बताए। नेताओं ने बड़े समारोह या भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाना बंद कर दिया और लोगों से भी ऐसा ही करने की गुहार लगाई। खुद पीएम मोदी होली मिलन समारोह में नहीं गए। यही वजह है कि दुनिया में कई बड़ी हस्तियों को कोरोना हो रहा है, खुद ट्रंप ने जांच करवाई है, लेकिन भारत में अभी तक ऐसी स्थिति नहीं है।
“मैं सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों और कोरोना वायरस को चेक करने के लिए की गई तैयारियों से पूरी तरह से संतुष्ट हूं।”-आनंद शर्मा, राज्यसभा सांसद, कांग्रेस
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भी की है तारीफ
खुद कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मोदी सरकार के प्रयासों से संतुष्टि जताई है। हालांकि, राहुल-प्रियंका समेत बहुत से कांग्रेस नेताओं ने कोरोना वायरस पर सरकार की कोशिशों को नाकाफी बताते हुए पीएम मोदी पर हमला बोला है।
सभी मंत्रालय हो गए सतर्क, जारी हुईं अडवाइजरी
एक ओर चीन है, जिसने उस डॉक्टर को ही दंडित कर दिया, जिसने कोरोना से सतर्क किया था, लेकिन भारत ने बिना किसी लापरवाही के तत्परता दिखाई। सभी मंत्रालय सतर्क हो गए। खुद पीएम मोदी भी सतर्क हो गए। संक्रमण रोकने के लिए अडवाइजरी जारी होती रहीं। संसद के जरिए स्वास्थ्य मंत्री तैयारियों का लगातार विस्तृत ब्योरा देकर देश को आश्वस्त करते रहे।
दक्षेस देशों से साझी रणनीति बनाने का आह्वान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षेस देशों से भी साझी रणनीति बनाने का आह्वान किया है। आज शाम 5 बजे सभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे। इस पहल को दक्षेस देशों ने हाथोंहाथ लिया और दिल खोलकर तारीफ की। ये भी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत का एक अहम प्रयास है।
सैंपल टेस्टिंग और लैब की मजबूत व्यवस्था
भारत में अब तक करीब 70 हजार सैंपल के टेस्ट हो चुके हैं और लगभग 35 हजार लोगों को कम्युनिटी सर्विलांस पर रखा गया है। आईसीएमआर के वैज्ञानिक गंगा खेड़कर ने कहा है कि अभी हमारे पास 1 लाख किट उपलब्ध हैं और 2 लाख अतिरिक्त किट का ऑर्डर दे दिया गया है। उनके मुताबिक अभी भारत रोजाना करीब 10 हजार टेस्ट करने की क्षमता रखता है। सैंपल टेस्ट करने के लिए 65 लैब हैं और सेकेंडरी टेस्ट के लिए भी 32 लैब मौजूद हैं। ये सब दिखाता है कि भारत कितनी मजबूती से कोरोना से लड़ने के लिए तैयार है।