जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में देखने को मिल रहा है। ईरान में जानलेवा वायरस ने महामारी का रूप ले लिया है। यहां 147 और लोगों की मौत हो गई है। इसी के साथ ईरान में कोरोना की वजह से मृतकों आंकड़ा 1,135 पर पहुंच चुका है। विदेशों में रह रहे भारतीयों की बात करें तो कोरोना के सबसे ज्यादा मामले ईरान में ही सामने आए हैं। विदेश मंत्रालय ने लोकसभा में बताया कि विदेशों में 276 भारतीय कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। इनमें सबसे ज्यादा 255 मामले ईरान में ही सामने आए हैं।
ईरान में 255 भारतीय कोरोना से संक्रमित
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बुधवार को लोकसभा में ये जानकारी दी है। उन्होंने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि विदेश में इस समय 276 भारतीय कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। ईरान में सबसे ज्यादा 255 मामले सामने आए हैं। इनके अलावा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 12, इटली में 5, हांगकांग, कुवैत, रवांडा और श्रीलंका में एक-एक भारतीय इस गंभीर वायरस से संक्रमित हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को ईरान से 53 भारतीयों का चौथा दल भारत लौटा और इसके साथ ही कोरोना वायरस से प्रभावित इस देश से निकाले गए लोगों की कुल संख्या 389 हो गई है।
यूएई में 12 और इटली में 5 केस आए सामने
बुधवार को लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इटली, ईरान, फिलीपीन्स और मलेशिया में फंसे सैकड़ों भारतीयों को वहां से निकालने के लिए सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की। अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस विषय पर सरकार की ओर से सदन में बयान दिया जाएगा। रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एन के प्रेमचंद्रन ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि कोरोना वायरस के चलते प्रभावित देशों से विमानों की आवाजाही पर प्रतिबंध के कारण हजारों भारतीय विशेष रूप से छात्र इटली, ईरान, मलेशिया और फिलीपीन्स में फंसे हुए हैं।
विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने की उठी मांग
कांग्रेस के ए चेल्लाकुमार ने इसी मुद्दे को उठाते हुए कहा कि आज भी मलेशिया में 300 छात्र फंसे हैं, फिलीपीन्स में भी भारतीय लोग फंसे हैं और उन देशों की सरकारों ने उन लोगों को निकालने के लिए 72 घंटे की समय सीमा दी है जो जल्द खत्म हो जाएगी। ये लोग वहां बिना भोजन-पानी के रह रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि मनीला, रोम, क्वालालंपुर और ईरान में भारतीय फंसे हैं। इनमें भारतीय मछुआरे भी शामिल हैं जो संक्रमित हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में कदम उठाने और विशेष विमान भेजे जाने की मांग की।
निर्दलीय सदस्य नवनीत कौर राणा ने कहा कि फिलीपीन में बड़ी संख्या में भारतीय मेडिकल छात्र फंसे हुए हैं जिनमें 800 महाराष्ट्र के हैं। उन्होंने कहा कि वहां की सरकार ने 72 घंटे बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाने की बात कही है, ऐसे में सरकार को भारतीयों को वहां से निकालने के लिए जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।
एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि केंद्र सरकार को इन भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए संबंधित देशों में विशेष विमान भेजने चाहिए। भाजपा के अजय मिश्रा टेनी ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दिशा में जितना शानदार काम किया है, उसकी चारों ओर प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि हजारों भारतीयों को दूसरे देशों से वापस लाया गया है। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों और मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए सदन में एक प्रस्ताव पारित किए जाने का सुझाव दिया।