अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । केंद्र सरकार कोरोना वायरस के प्रति कितनी संवेदनशील है इसका राज खुल चुका है। देश में कोरोना के तांडव के बीच केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मास्क समेत कई जरुरी सामानो के लिए निविदा आमंत्रित किया है।
देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। अब तक 511 केस सामने आ चुके हैं। वहीं, 11 लोगों की मौत हो चुकी है। भारतीय रेलवे ने अपनी 3700 पैसेंजर और लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दी है। दूसरी तरफ सभी उड़ाने रद्द कर दी गई है।
निजी और सरकारी दफ्तरों में सैनिटाइजर और मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है। बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को दफ्तर में हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही घुसने देने का निर्देश दिया गया है।
जानलेवा कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सरकार भले तमाम एहतियाती कदम उठा रही हो, लेकिन सिस्टम में कहीं न कहीं लापरवाही का वायरस अब भी जिंदा है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि खुद सरकारी दफ्तरों के हालात बयां कर रहे हैं। कई कार्यालयों में न तो यहां सैनिटाइजर की व्यवस्था थी और न ही साफ-सफाई, जबकि इन दफ्तरों में रोजाना दर्जनों लोग पहुंचते हैं।
When they arrive, please send N95 masks and gloves to my grave. Taali aur thaali b baja dena waha! Regards, frustrated sarkari doctor @narendramodi @anilvijminister @DrRebellious @cmohry @drharshvardhan @UMY_35
— Dr.Kamna Kakkar (@drkamnakakkar) March 23, 2020
महामारी घोषित किए जा चुके कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सरकार लोगों को साफ-सफाई बनाए रखने, लगातार हाथ धोने समेत तमाम सतर्कता बरतने का संदेश दे रही है। इसके लक्षण और बचाव के लिए बाकायदा गाइडलाइन जारी की गई है। आलम यह है कि सरकारी अस्पतालों में मास्क, सैनिटाइजर समेत कई आवश्यक समानों की घोर कमी है।
एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड ने सोमवार को टेंडर निकालकर एन95 मास्क, 2 प्लाइ और 3प्लाइ सर्जिकल मास्क,कवरॉल्स, हैंड सैनिटाइजर, गॉगल्स, नाइट्रल ग्लोब्स समेत कई चीजों की आपूर्ति करने को कहा है। सोमवार को निकाले गए टेंडर से सामानों की आपूर्ति करने में काफी समय लगेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इन सामानों की आपूर्ति जनवरी माह में ही हो जानी चाहे थी। लेकिन सरकार ने काफी देर कर दी है।
मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इन सामानों की आपुर्ति में कम से कम छह माह का समय लग सकता है। ऐसे में कोरोना वायरस से कैसे सरकार निपटेगी इस पर सवालिया निशान लग रहा है।