अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । पिछले दो दिनों से राकेश चंदन विहार में बनाए गए शैल्टर सेंटर में खाना लेने के लिए जा रहे हैं लेकिन उन्हें खाना नहीं मिल रहा है। राकेश का कहना है कि खाना बांटने वाले कहते हैं कि खाना समाप्त हो गया।
चंदन विहार की ही रहने वाली रेखा कहती हैं कि खिचड़ी इतनी कम मिलती है कि दो कौर में ही खत्म हो जाती है। खाना बांटने वाले दोबारा खिचड़ी नहीं देते हैं। यही कारण है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बार बार अपील के बावजूद दिल्ली से पलायन कर रहे लोग रुकना नहीं चाहते हैं। लचर व्यवस्था ने केजरीवाल सरकार की पोल खोल कर रख दी है।
पटपड़गंज स्थित सर्वोदय स्कूल में भी लगभग यही हालात हैं। बनाए गए शैल्टोरों में ना तो खाना मिल रहा है और न ही पीने के लिए पानी। केजरीवाल इस बात को दोहरा रहे हैं कि दिल्ली में रहने, खाने-पीने सबका इंतजाम किया है। कृपया अपने घर पर ही रहें। अपने गांव ना जाएं, नहीं तो लॉकडाउन का मकसद ही खत्म हो जाएगा।
दरअसल खाने की खिचड़ी जो परोसी जा रही है और जिसे कुछ चैनल वाले महिमा मंथन में जुटे हुए हैं उसमें गैर सरकारी संगठनों का बहुत बड़ा हिस्सा है। इस बात का खुलासा चैनल वाले नहीं कर रहे हैं। मंदिरों में नवरात्रा के अवसर पर जिस प्लेट में प्रसाद बांटा जाता है उसी प्लेट में खिचड़ी बांटी जाती है। आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि मेहनतकश लोगों के लिए वह खिचड़ी कितनी भूख मारेगी।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पलायन कर रहे लोगों के लिए एलान किया है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बसेरा बनाया जाएगा। यहां लोगों के लिए खाने का भी इंतजाम होगा। मनीष सिसोदिया ने लोगों से वापस न जाने की अपील की है लेकिन ये भी बताया कि दिल्ली सरकार ने 100 बसें और यूपी सरकार ने वापस जा रहे लोगों के लिए 200 बसों का इंतजाम किया है। मनीष सिसोदिया बोले दिल्ली सरकार की करीब 100 और उत्तर प्रदेश सरकार की करीब 200 बसें दिल्ली से पैदल जाने की कोशिश कर रहे लोगों को लेकर जा रही है। फिर भी सभी से मेरी अपील है कि लॉकडाउन का पालन करें। कोरोना का असर नियंत्रित रखने के लिए यही समाधान है। बाहर निकलने में कोरोना का पूरा खतरा है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर पहुंचे हैं। वह लोगों को दिल्ली से बाहर न जाने के लिए समझा रहे हैं। उनका कहना है कि आप लोग दिल्ली में ही रहें, आपको किसी चीज की कमी नहीं होने देंगे। लेकिन सिसोदिया की बातों पर लोगों को भरोसा नहीं है जिसके कारण उनके पैर रुकने का नाम नहीं ले रहे है।
दिल्ली के गाजीपुर में पलायन कर रहे लोगों की भीड़ जमा हो गई है। दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग सख्त होने के चलते लोग बॉडर पर ही खड़े हैं और अपने घरों की ओर जाने का इंतजार कर रहे हैं।
दिल्ली से लेकर नोएडा, गाजियाबाद आदि क्षेत्रों से आज भी मजदूरों का पलायन जारी है। उनका कहना है कि हमारी कंपनियां फैक्टरियां बंद हो गई हैं तो हमारे पास घर वापस जाने के अलावा क्या उपाय है?
दिल्ली में बांग्ला साहिब गुरुद्वारा के बाहर लोगों ने जरूरतमंदों को खाना बांटा। इसी तरह शहर के कई क्षेत्रों में लोग जरूरतमंदों को खाना बांट रहे हैं। दूसरी तरफ आज भी दिल्ली समेत एनसीआर के तमाम शहरों की सड़कें लॉकडाउन के चलते वीरान पड़ी हैं।
बता दें कि देशभर में जारी 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन के बीच दिल्ली-एनसीआर के शहरों में रहने वाले गरीब, मजदूर और प्रवासी लोग किसी भी तरह हर हाल में अपने घरों तक पहुंचना चाहते हैं। इसके लिए यातायात का साधन न मिलने पर लोग पैदल ही घरों की ओर निकल पड़े हैं और दिन-रात चलकर अपनी मंजिल की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। ऐसा ही नजारा दिल्ली-एनसीआर के तमाम इलाकों में देखा जा सकता है। जब से लॉकडाउन की घोषणा हुई है यहां रह रहे लोग किसी भी तरह जल्द से जल्द अपने घरों तक पहुंचना चाहते हैं।
परिवहन सेवाओं के अभाव में शुक्रवार शाम दिल्ली-यूपी सीमा के पास गाजीपुर में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपने घरों की ओर पैदल जाने वालों की भारी भीड़ के चलते में सड़कें पूरी तरह भरी दिखीं। इस हुजूम में बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और जवान सभी शामिल हैं। जिस सड़क पर पैदल चलता इंसान शायद ही कभी दिखता हो आज वहां चारों ओर सिर्फ पैदल चलते यात्री ही दिख रहे हैं।
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर हो रहे इस पलायन को रोकने के लिए राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है। गृह मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी कर बड़े पैमाने पर प्रवासियों, खेतिहर और औद्योगिक मजदूरों तथा असंगठित क्षेत्र के कामगारों का पलायन रोकने को कहा है।
केंद्र सरकार की ओर से राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को सलाह दी गई है कि वे इन समूहों को मुफ्त अनाज और अन्य जरूरी चीजों के बारे में जानकारी दें जिससे बड़े पैमाने पर पलायन को रोका जा सके। साथ ही गृह मंत्रालय ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में लॉकडाउन के दौरान होटल, हॉस्टल, किराये के आवास चलते रहें और उन्हें जरूरी सामान की आपूर्ति होती रहे।