अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली। कोरोना का कहर तो पूरे देश में जारी है। अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की देखभाल करते हुए डॉक्टर समेत हजारों स्वास्थ्यकर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। लेकिन देशभर के अस्पताल में संसाधनों कमी उठाने की मांग करनेवाले स्वास्थ्यर्मी अब अपने वरिष्ठ अधिकारियों के कोपभाजन हो रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह समस्या तब उत्पन्न हो रही है जब वे अपने परिवार का वगैर परवाह किए दिन-रात कोरोना मरीज की जान बचाने के लिए जूझ रहें है। स्वास्थ्यकर्मियों का कसूर सिर्फ इतना ही है कि खुद की जान बचाने के लिए अस्पताल में संसाधनों की कमी आम लोगों के सामने लाते रहे हैं। बहरहाल अस्पताल पदाधिकारी के बढ़ते अत्याचार से तंग होकर एम्स दिल्ली स्थित रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख समुचित निदान निकालने का आग्रह किया है।
एम्स दिल्ली स्थित रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष आदर्श प्रताप सिंह ने बताया कि देश के कई स्वास्थ्यर्मियों के सामने गंभीर संकट पैदा हो गया है। उनका कहना था कि देशभर के स्वास्थ्यर्मियों से शिकायत मिल रही है कि उनके वाट्सअप बंद कर दिए गए हैं, कई स्वास्थ्यकर्मियों का तबादला कर दिया गया है। कई तरह की यातनाएं अपने मताहत अधिकारियों द्वारा दिए जाने की सूचना आ रही है। ऐसी स्थिति में दिल्ली एम्स की अपनी गुणवत्ता है। जिसके तहत एम्स दिल्ली स्थित आरडीए ने प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को पत्र लिखकर भावुक अपील किया है।
पत्र में प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि हम कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए आपके मजबूत नेतृत्व की प्रशंसा करते हैं। बात आपके संज्ञान में लाई जा रही है कि पिछले कई दिनों से हमारे पहली पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मी जैसे- डॉक्टर्स, नर्स और बाकी सहायक स्टाफ अपनी परेशानियों, और कई मुद्दों जैसे- पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट, कोविड टेस्टिंग इक्विप्मेंट्स और क्वारेंटाइन सुविधा को लेकर सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं। अधिकारियों द्वारा इन पर कड़ी नजर रखी जा रही है। मरीजों और अपने सहयोगियों की भलाई के लिए किए जा रहे उनके प्रयासों की तारीफ करने के बजाय उन्हें कठोर प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है।. भलाई के कामों के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं ऐसे में आप डॉक्टरों की इस स्थिति को समझेंगे।
सनद रहे कि पिछले कई दिनों से मीडिया पर पीपीई, एन95 मास्क और कई अन्य आधारभूत उपकरणों की मांग उठ रही है।