जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। डेंगू से बढते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अपने अस्पताल के सभी डॉक्टरो, पारा मेडिकल स्टाफ व नर्सों की छुट्टी रद्द कर दी है। मुक्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी विधायकों को अस्पताल जाकर मरीजों की जानकारी व अस्पताल की व्यवस्था देखने का फरमान जारी किया है। बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सभी सरकारी अस्पतालों को अपने परिसरों में ‘फीवर क्लीनिक’ खोलने के आदेश दिए हैं ताकि प्रारंभिक स्तर पर ही इस बीमारी का पता लगाया जा सके।
उन्होंने शीर्ष स्वास्थ्य एवं प्रशासनिक अधिकारियों से एहतियातन कदम उठाने को कहा है।
जैन ने कहा कि लोगों को चिकित्सक की सलाह के बाद ही अस्पताल में भर्ती होना चाहिए और उन्हें घबराना नहीं चाहिए।
उन्होंने जिला मजिस्ट्रेटों, सभी प्रमुख जिला चिकित्सकीय अधिकारियों :सीडीएमओ: और क्षेत्रीय स्वास्थ्य निदेशकों के साथ साथ स्वास्थ्य सचिव एवं स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक के साथ बैठक की। मंत्री ने कहा कि उनकी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि राजधानी में डेंगू को लेकर लोग घबराए नहीं।
जैन ने यहां कहा, ‘‘ उदाहरणार्थ अम्बेडकर अस्पताल में 426 मरीजों को बुखार होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया और इनमें से 200 से भी कम लोगों को जांच के बाद डेंगू से पीड़ित पाया गया। लोगों को बीमार होने पर चिकित्सकीय सलाह के बिना स्वयं दवा नहीं ले लेनी चाहिए। यह एक बड़ी समस्या है। बीमारी को लेकर किसी प्रकार की घबराहट नहीं होनी चाहिए।’’ स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यदि संभव हो सके , तो डेंगू के संदिग्ध मरीजों को सरकारी अस्पतालों में भी जांच करानी चाहिए क्योंकि यह जांच मुफ्त होती है और दो घंटे में इसकी रिपोर्ट मिल जाती है।
उन्होंने लोगों से अपील की कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने का मामला चिकित्सकों पर ही छोड़ देना चाहिए और भर्ती करने का दबाव नहीं बनाना चाहिए।
जैन ने कहा, ‘‘ मैंने सरकारी अस्पतालों को आदेश दे दिया है कि वे डेंगू के मरीजों को भर्ती करने से इनकार नहीं करें, भले ही उन्हें एक बिस्तर पर दो मरीजों का उपचार करना पड़े। अस्पताल में मरीजों की भर्ती का मामला चिकित्सकों पर छोड़ देना चाहिए।