जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस मुख्यालय से वीडियों कंफ्रेसिंग से मडिया को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने करोना से निपटने के लिए प्रदेश स्तर पर इसके लिए नियंत्रण कक्ष बनाए हैं। इसके अलावा अब तक लगभग 7.50 करोड़ आबादी में से 5 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। साथ ही कई जिलों में 15 हजार लोगों की कोरोना संबंधित जांच भी हुई है। वहीं राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाले कर हिस्सा के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बावत केंद्र को अवगत करा दिया गया है। बहरहाल मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए तत्काल सावधानी बरती गई।
इस दौरान कई बैठकें हुई जिसमें सभी राजनीतिक दलों के नेता, डॉक्टरों, सेना, रेलवे, अवकाश प्राप्त चिकित्सक और मेडिकल संस्थान भी शामिल थे। इस काम में लगे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए 25 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। राज्य और केंद्र सरकार एक-दूसरे के संपर्क में हैं और हालात पर नजर बनाए हैं। अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग समस्याएं हैं। हम केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं।
लॉकडाउन को लेकर केंद्र को राज्य से विचार करना चाहिए : गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि मौजूदा हालात को देखते हुए हम लॉकडाउन को हटाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार को लॉकडाउन बढ़ाने का अधिकार दिया जाना चाहिए। राज्यों को 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लेने का अधिकार मिलना चाहिए। क्योंकि लॉकडाउन हटाने के साथ-साथ आम आदमी के जिंदगी बचाने का सवाल है।
केंद्र ने जीएसटी सहित अन्य ग्रांट रोक रखी है- गहलोत
राज्य का केंद्र द्वारा जीएसटी और सेस कर का हिस्सा संबंधित प्रश्न पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। साथ ही कर कलेक्शन भी कम है। लॉकडाउन के बाद हालात काफी चिंताजनक है। ऐसे में मैंने प्रधानमंत्री मोदी से 1 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की मांग की है। केंद्र ने जीएसटी सहित अन्य ग्रांट रोक रखी है। केन्द्र के पास आरबीआई है, राज्य के पास क्या है, कुछ भी नहीं है, ऐसे में केन्द्र को मदद करनी चाहिए। सीएम ने कहा कि आरबीआई से बिना ब्याज के ऋण राज्यों को मिलना चाहिए।
जिससे यह चूक हुई है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए
वहीं कोरोना के बीच देश का बड़ा मुद्दा बन चुके तबलीगी जमात के बारे में पूछे जाने पर सीएम गहलोत ने कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा है कि जिसकी वजह से यह चूक हुई है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट को करनी चाहिए। लेकिन अगर उन्होंने (जमात के लोगों ने) वक्त रहते ही सूचना दे दी है तो इसका जिम्मेदार कौन है? यह वातावरण कोरोना के खिलाफ एकजुट लड़ाई के लिए अच्छा नहीं है।