विजय गुप्ता / नई दिल्ली। देश के व्यापारियों ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं राज्य सरकारों के मुख्यमंत्रियों से पूछा है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर किए गए लॉकडॉउन का पालन करते हुए व्यापारियों ने अपना कारोबार बंद कर रखा है। लेकिन खर्च बंद नहीं हुए हैं। जैसे बिजली के बिल, कर्मचारियों के वेतन, जीएसटी सहित अन्य टैक्स और बैंको के ऋण की किश्तें आदि। अब सवाल यह है कि जब आय के सभी ऋोत बंद है तो इन ख्रचों की पूर्ति कैसे होगी। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से व्यापारियों को अभी तक कोई पैकेज भी नहीं मिला है। लिहाजा यह सवाल लाजिमी है कि जब व्यापार बंद है जो व्यापारी अपना गुजारा कैसे करेंगे।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री श्री किशोर सी मेहता (खारावाला) प्रधानमंत्री और सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर देश के व्यापारियों की ओर से इस समस्या पर ध्यान आकृष्ट कराया है। उन्होंने पत्र मे पूछा है कि आपने 14 अप्रैल तक पूर्ण प्रतिबंध की घोषणा की और सभी से ऑफिस, दुकान, कारखाने बन्द रखने का आग्रह किया।
हम जानना चाहते हैं कि आप मालिकों के बारे में क्या सोचते हैं? जिस व्यापारी वर्ग से आप त्याग चाहते हैं, उन्हें सहयोग की आपकी क्या योजना है? क्योंकि बन्द की घोषणा हो गई है और व्यापार ठप्प हैं, व्यापारी कैसे गुजारा करेंगे?
वेतन – चालू
बिजली बिल – चालू
टैक्स – चालू
बैंक का ब्याज – चालू
GST – चालू
PF – चालू
ESIC – चालू
संपत्ति कर – चालू
हमारे लिए कोई राहत नहीं। हमें 30 अप्रैल तक घर में रहकर सहयोग करने में भी कोई आपत्ति नहीं, यदि सरकार यह बोझ हटा दे। सरकार समझौता करे और राहत को सभी व्यापारों तक बढ़ाये।
– सभी औद्योगिक कमर्शियल बिजली बिल अगले 3 महीने के लिए आधे कर दिये जाएँ।
– अगले 12 महीने तक GST का 50% कंपनी अपने पास ही रखे।
– अगले 6 महीने तक ब्याज न देने की छूट दी जाय।
– सभी बैंकों और NBFC (गैर बैंकिंग वित्तीय निगम) को दी जाने वाली मासिक किश्त अगले 6 महीने के लिए स्थगित की जाय, विलम्ब पर किसी प्रकार का चार्ज न लगाया जाय।
– अगले 6 महीने तक कर्मचारियों का PF (भविष्य निधि) कम्पनी नहीं, सरकार वहन करे।
– अगले 6 महीने तक कर्मचारियों का ESIC (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) का हिस्सा कम्पनी नहीं, सरकार वहन करे।
– वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए सभी व्यापारिक संपत्तियों पर संपत्ति कर आधा कर दिया जाय।
जिस प्रकार आप किसानों को अकाल में ब्याज से मुक्ति देते हैं, यह समय हम व्यापारियों के लिए भी अकाल ही है।
शेष हम ध्यान रख लेंगे।