अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमरिका में कोरोना वायरस भी सबसे ज्यादा कहर अमरिका में ही दिखा रहा है. कोरोना से अबतक लगभग 31 हजार लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि अमरीका में बीते चार सप्ताह के दौरान 2.10 करोड़ लोगों की नौकरियां चली गई हैं. पूरी दुनिया में बेरोजगारी के आंकड़ों का यह नया रिकॉर्ड है.
अमरीकी श्रम विभाग के मुताबिक देश भर में 11 अप्रैल को पूरा हुए सप्ताह में 52 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं. इससे पिछले सप्ताह में 66 लाख लोगों की नौकरियां गईं थीं.
अमरीका कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा संक्रमित देश है. यहां इससे छह लाख 40 हज़ार से ज़्यादा लोग संक्रमित हैं और अब तक अमरीका में 30,985 लोगों की मौत हो चुकी है.
पूरे अमरीका किसी ना किसी रूप में लॉकडाउन की चपेट में है.
अमरीका श्रम विभाग का अनुमान है कि इस महीने के अंत तक पूरे देश में बेरोजगारी दर 20 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्थाओं को इतना ज़्यादा नुक़सान हो रहा है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में तीन फ़ीसदी की गिरावट आएगी.
आईएमएफ़ ने इसे ‘साल 1930 की महामंदी’ के बाद के दशकों की सबसे ख़राब वैश्विक गिरावट क़रार दिया है.
आईएमएफ़ का कहना है कि कोरोना वायरस की महामारी ने दुनिया को ‘ऐतिहासिक संकट’ में डाल दिया है.
संस्था ने ये भी कहा है कि कोविड-19 की महामारी लंबे समय तक बनी रही तो संकट को संभालने में सरकारों और केंद्रीय बैंकों की काबिलियत की असली परीक्षा होगी.
आईएमएफ़ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ का कहना है, “कोरोना संकट अगले दो साल में विश्व की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का नौ खरब डॉलर बर्बाद कर देगा.”
हालांकि आईएमएफ़ ने दुनिया की अर्थव्यवस्था पर जारी किए गए अपने ताज़ा ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक आउटलुक’ में ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और अमरीका जैसे देशों में उठाए गए ‘त्वरित और ठोस उपायों’ की सराहना की है.
हालांकि ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक आउटलुक’ में ये भी कहा गया है कि कोई भी देश इस नुक़सान से बच नहीं पाएगा. अगर साल 2020 की दूसरी छमाही में कोविड-19 की महामारी पर काबू पा लिया गया तो अगले साल वैश्विक विकास 5.8 फ़ीसदी की दर संभल सकता है.
“साल 2021 में आंशिक भरपाई की संभावना जताई गई है. लेकिन जीडीपी की दर कोरोना से पहले वाले दौर से कम ही रहेगी. साथ ही हालात किस हद तक सुधर पाएंगे, इसे लेकर भी अनिश्चितता बरकरार रहेगी. मुमकिन है कि विकास के पैमाने पर बेहद ख़राब नतीजे आएं.”
विकसित देशों के मामले में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चेतावनी दी है कि इनकी अर्थव्यवस्थाएं कोरोना से पहले के दौर के उच्च स्तर को साल 2022 से पहले हासिल नहीं करने वाली हैं.
अमरीकी अर्थव्यवस्था को इस साल 5.9 फ़ीसदी का नुक़सान उठाना पड़ सकता है. साल 1946 के बाद उसके लिए ये सबसे बड़ा नुक़सान होगा. अमरीका में इस साल बेरोज़गारी दर 10.4 फ़ीसदी रहने की संभावना है.
साल 2021 तक अमरीकी अर्थव्यवस्था में 4.7 फ़ीसदी की दर से विकास के साथ कुछ सुधार होने की उम्मीद जताई गई है.
चीन के मामले में आईएमएफ़ का कहना है कि इस साल उसकी अर्थव्यवस्था 1.2 फ़ीसदी के साथ बढ़ सकती है. साल 1976 के बाद चीन के लिए ये सबसे धीमी विकास दर होगी.