जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली।कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले मध्य प्रदेश के महाराज ने राजस्थान के सीएम अशोक गेहलोत को अपनी औकात दिखा दिया है। बिना गेहलोत को जानकारी दिए महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने राज्य में बैठे बैठे राजस्थान में काम करा लिया। इस बात को लेकर राजनीतिक हलको में काफी चर्चा हो रही है।
बताया जाता है कि गुना के रहने वाले आशीष जैन ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान से अपनी बेटी को कोटा से लाने में मदद मांगी थी। गुना ज्योतिरादित्य सिंधिया का संसदीय क्षेत्र रहा है। वहीं से वह चुनाव लड़ते रहे हैं। आशीष ने 17 अप्रैल को ट्वीट कर कहा कि मेरी बेटी कोटा में फंसी हुई है। वह वहां पढ़ाई के लिए गई है। आशीष ने लिखा मेरी बेटी हॉस्टल में रहती है और अच्छा नहीं महसूस कर रही है। उसे गुना स्थित घर लाने के लिए आपकी मदद की जरूरत है।
आशीष जैन के ट्वीट पर सिंधिया ने 18 अप्रैल को लिखा कि आप चिंता मत कीजिए। आपकी डिटेल की जरूरत है। आशीष ने उसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को डिटेल भेजा।
इस मामले पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजस्थान के सीएम को ठेंगा दिखाते हुए सीधे उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को फोन लगाया। आशीष को रिप्लाई करते हुए सिंधिया ने लिखा कि प्रिय आशीष, आपसे दूरभाष पर चर्चा के अनुसार, मेरी राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से आपकी बिटिया अंशिका की सुरक्षा को लेकर चर्चा हुई है। कृपया आप आश्वस्त रहें कि आपकी बेटी की उचित देखभाल की जाएगी। और शीघ्र ही उसकी घर वापसी की कोशिश की जा रही है।
19 अप्रैल को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करते हुए लिखा कि राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मेरे अनुरोध पर राजस्थान शहर के कोटा में फंसी गुना शहर की बिटिया इशिका को शीघ्र अपने घर भेजने को लेकर भी आश्वस्त किया है।
सचिन पायलट की इस करतूत पर राजनीतिक हल्के में काफी चर्चा हो रही है। बताया जाता है कि सीएम गेहलोत भी पायलट के इस कार्रवाई पर काफी नाराज हैं।