जनजीवन ब्यूरो / कोलकाता । कोरोना आपदा के समय भी राजनीति जारी है। केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों में इंटर मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीम (आईएमसीटी) भेजने का फैसला लिया है। ये टीमें राज्यों में कोरोना के जमीनी हालात और लॉकडाउन उल्लंघन की शिकायतों पर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेंगी। हालांकि केंद्र के इस कदम का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ा विरोध किया है।
ममता ने सोमवार को ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इन टीमों को राज्य में भेजे जाने का स्पष्ट कारण पूछा। ममता ने लिखा, ‘हम कोरोना महामारी के खिलाफ केंद्र सरकार के सहयोग और सुझावों का स्वागत करते हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल समेत कुछ अन्य राज्यों में आईएमसीटी को भेजने का जो फैसला लिया है, उसका उद्देश्य समझ से परे है।’
दरअसल केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में दो आईएमसीटी भेजने का फैसला लिया है। इस टीम में केंद्र के अलग-अलग मंत्रालयों के अधिकारी और मंत्री शामिल होंगे। ये टीमें राज्य की कोरोना के खिलाफ तैयारियों और मुख्य रूप से लॉकडाउन की सफलता की समीक्षा करेंगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा, ‘ये टीमें जनहित में हालात का ऑन स्पॉट असेसमेंट करेंगी, राज्य सरकारों को निर्देश देंगी और अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेंगी।’
केंद्र ने पत्र में कहा, ‘यह तो स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा, पूर्वी मेदिनीपुर, उत्तरी 24 परगना, दार्जीलिंग, कैलिमपोंग और जलपाईगुड़ी में हालात ठीक नहीं हैं।’ ममता ने आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से राज्य के इन जिलों को चुने जाने का आधार पूछती हूं। मुझे यह कहते हुए अफसोस हो रहा है कि बिना किसी स्पष्ट कारण के मैं इसकी अनुमति नहीं दे पाऊंगी, क्योंकि यह संघ की भावना के खिलाफ है।’