जनजीवन ब्यूरो / कोलकाता । पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ रहा है तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार व राज्यपाल से दो-दो हाथ कर रही हैं। ममता ने आईएमसीटी (इंटर मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीम) को बंगाल में घुसने से रोक दिया। उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार कोविड-19 से पैदा हुई स्थिति का आकलन करने के लिए राज्य का दौरा कर रही केंद्रीय टीमों के साथ सहयोग नहीं कर रही है। मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय टीमों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बातचीत करने से भी रोका जा रहा है।
इतना ही नहीं, बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए ममता सरकार पर संगीन आरोप लगाए हैं। उन्होंने ममता सरकार के अड़ियल रवैये पर बोलते हुए कहा कि आज तक ममता बनर्जी ने उनको किसी भी पत्र का जवाब नहीं दिया।
गवर्नर जगदीप धनखड़ ने आरोप लगाया कि अभी तक मुझे राज्य सरकार की ओर से कोरोना पर कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है। मेरा प्रयास रहता है कि सरकार सकारात्मक रुख रखे। सबसे पहले 22 मार्च को ममता जी ने कहा कि किट नहीं है। मैंने केंद्र से बात की तो लिखित में पता चला कि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड 19 से लड़ने के लिए मैं राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहता हूं। लेकिन ममता बनर्जी की सरकार हमें काम नहीं करने दे रहीं हैं।
मोदी के इस फैसले से क्यों उखड़ गईं ममता?पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच सियासत तेज हो गई है। पहले ममता बनर्जी सरकार पर कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगा और अब लॉकडाउन का सख्ती से पालन नहीं होने का मामला गरमाया हुआ है।
गवर्नर ने आरोप लगाया कि यहां राहत सामग्री में बड़ा घोटला हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने तमाम लेफ्ट के नेताओं से बात की, मैंने कांग्रेस के नेताओं से बात की सबका सार्थक जवाब मिलता है लेकिन ममता दीदी का कोई जवाब नहीं आता। उलटा जो विरोधी पार्टी के सांसद हैं अगर वो बाहर आकर लोगों की मदद कर रहे हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा लिखवाने की धमकी दी जाती है।
केंद्र सरकार ने लगाया आरोप
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने भी पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिखकर कहा कि मंत्रालय के ध्यान में लाया गया है कि कोलकाता और जलपाईगुड़ी में इंटर-मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीमों के लिए राज्य और स्थानीय प्रशासन की ओर से जरूरी सहयोग नहीं किया गया। इन टीमों को क्षेत्रों का दौरा करने, स्वास्थ्यकर्मियों से मिलने और जमीनी स्तर को जानने से रोका गया। पं बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को खत लिखकर नाराजगी जाहिर की है। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने केंद्र के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की टीम कैसे कोलकाता में लैंड कर सकती है जबकि हमें सिर्फ 15 मिनट पहले ही इस संबंध में सूचना दी गई हो।
ममता सरकार पर नाराज गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया कि केंद्र सरकार की टीम देश के चार राज्यों में गई है। जिनमें महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पं बंगाल है। तीन राज्यों में टीम को किसी प्रकार की कोई दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। यहां की राज्य सरकारों से भरपूर समर्थन दिया। लेकिन कोलकाता और जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल का दौरा करने वाली केंद्रीय टीम को राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन से सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्हें क्षेत्रों का दौरा करने से रोक दिया गया था और स्थिति का आकलन करने की अनुमति नहीं दी जा रही थी।