अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली। एक समय था जब राजस्थान का भीलवाड़ा कोरोना के कहर से कराह रहा था, लेकिन कोरोना पर अनोखे तरह से नियंत्रण कर भीलवाड़ा आज पूरी दुनिया में रोल मॉडल बन चुका है। पूरे देश में भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा हो रही है। कनाडा के राजदूत ने भी अपने देश में कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह मॉडल लागू करने की सिफारिश की है।
कांग्रेस मुख्यालय दिल्ली में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के कोराना की जांच का सफर राजस्थान में शून्य से लेकर अब प्रतिदिन 4700 जांचें प्रतिदिन करने का सिलसिलेवार ब्यौरा पेश किया। इस दौरान मंत्री ने केंद्र से आर्थिक सहायता के साथ-साथ खाने की रोटी के लिए भंडार के द्वार खोलने का अपील किया। तांकि मुख्यमंत्री गहलोत का कोई भूखा न रहे अभियान को मंजिल तक पुहंचाया जा सके। वहीं समाचार जगत के सवाल पर मंत्री ने कहा कोरोना के तहत प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय को अभी तक सिर्फ 200 करोड़ मिला है।
मंत्री शर्मा ने राष्ट्रीय मीडिया को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बताया कि 2 मार्च तक प्रदेश में टेस्ट कैपेसिटी शून्य थी। लेकिन अब राजस्थान प्रतिदिन 4700 जांचें कर रहा है। आने वाले दिनों में प्रतिदिन 10 हजार जांच करने की कोशिश होगी। साथ ही राजस्थान के 33 जिलों में जांच सुविधा विकसित करने का लक्ष्य भी है। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम राज्य में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हम कोई राजनीति नहीं कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी गंदी राजनीति कर रही है। वह सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रही है।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश के दौरे पर आया केंद्रीय दल कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए अशोक गहलोत सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से संतुष्ट है.। राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत बनाने के लिए केंद्र की ओर से पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने वीडियो लिंक के जरिए कहा कि हमारे यहां केंद्रीय दल आया है। हमने उनसे कहा कि आप जहां जाना चाहते हैं, वहां जाइए और देखिए कि हम क्या कर रहे हैं। वे संतुष्ट थे।
राजस्थान में कोरोना वायरस का संक्रमण तीसरे चरण में नहीं
शर्मा ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि राजस्थान में कोरोना वायरस का संक्रमण तीसरे चरण में नहीं पहुंचा है। उनके मुताबिक, राज्य में कुल 61,500 से अधिक लोगों की जांच हो चुकी है, जो किसी भी प्रदेश के मुकाबले ज्यादा है। ‘‘पूरे देश में भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा हो रही है। कनाडा के राजदूत ने भी अपने देश में कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह मॉडल लागू करने की सिफारिश की है।
शर्मा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रदेशों को पर्याप्त धन दे और राज्यों में अनाज की कमी दूर करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों को खोल दे। मंत्री के मुताबिक साउथ कोरिया की कंपनी किट देने में कुछ वक्त लगा रही थी, लेकिन चीनी कंपनी ने समय पर सप्लाई देने का वादा किया था। चीन से मंगवाई गई किट का एक ही रेट तय हुआ था। लेकिन जब किट आई और हमने उनका टेस्ट पॉजिटिव लोगों पर किया तो सिर्फ 5.44 फीसदी सही नतीजे निकलकर सामने आए। जिससे जांच रोक दी गई है।
राजस्थान में अब पत्रकारों की कोरोना जांच करवाई जाएगी। जिसके बारे में चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि हमें पत्रकारों की सेहत की चिंता है। इनके टेस्ट भी करवाए जाएंगे। महाराष्ट में बहुत सारे पत्रकार पोजिटिव मिले। कई मेडिकल विभाग के अधिकारी, जो मरीजों के इलाज में जुटे हैं वो भी पॉजिटिव मिले। ये चिंता जनक है। हमारा काम है कि हम पहले इन फोर्सेज को सुरक्षित रखें। इसके साथ सूचना प्रसारण मंत्रालय की तरफ से भी हॉटस्पॉट इलाकों में कोरोना की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। जिसमें कहा गया क देशभर में रिपोर्ट, कैमरापर्सन, फोटोग्राफर जो कोरोना से संबंधित रिपोर्टिंग कर रहे हैं। वे सभी सावधानियों का ध्यान रखें।
400 मेडिकल मोबाइल वाहनों के जरिए उपचार सेवाएं
डॉ. शर्मा ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सीएमएचओ व अन्य चिकित्सा अधिकारियों को गंभीरतापूर्वक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। प्रदेश में 295 मेडिकल मोबाइल यूनिट व 115 बेस एंबुलेस सभी आवश्यक दवाओं व जांच सुविधाओं से युक्त हैं। कुल 400 मेडिकल मोबाइल यूनिट एवं वाहनों द्वारा उपचार सेवाएं देने के लिए माइक्रो प्लान तैयार कर व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। उपखंड मुख्यालयों के साथ अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सुबह 8 बजे से 2 बजे तक इन मोबाइल वाहनों द्वारा चिकित्सा उपचार सेवाएं उपलब्ध होंगी। कोई भी व्यक्ति इस सेवा के अंतर्गत निःशुल्क उपचार ले सकेगा। इन मोबाइल वाहनों में लाउडस्पीकर की व्यवस्था भी की गई है ताकि घरों में रह रहे लोगों को इसकी सूचना आसानी से मिल सके।