जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कांग्रेस शासित राज्य केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार के प्रयासों को नाकाफी बताया है। इसकी झलक कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी दिखी। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोविड-19 संक्रमण को लेकर केंद्र सरकार के रुख पर अपनी निराशा जाहिर की है।
उधर महाराष्ट्र में अन्य बातों के अलावा पालघर के मसले पर गरमा रही राजनीति के मद्देनजर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी केंद्र पर सतर्क तंज की तैयारी में हैं। मजदूरों के लिए रेल सेवा खोलने की मांग पर वहां से लगातार जोर दिया जा रहा है।
ममता का भी रुख लगातार तीखा बना है। अगले माह 4 मई से लॉकडाउन खोलने की मांग करके उन्होंने अपनी मंशा साफ जाहिर कर दी है। पूरी उम्मीद है कि सोमवार 27 अप्रैल को होने वाली पीएम-सीएम वार्ता में गैरभाजपाई राज्यों की ओर से इन सभी मुद्दों की तीखी धार देखने को मिलेगी।
कांग्रेस कार्यसमिति की गुरुवार की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संसाधनों की कमी का रोना रोया और केंद्र सरकार से जांच किट, पीपीई किट, वेंटिलेटर समेत अन्य संसाधन खरीदकर राज्यों को देने की अपील की।
गहलोत ने दोहराया कि केंद्र सरकार ने जो टेस्ट किट राज्य सरकार को दी है, वह फर्जी (फेक) हैं। जांच के नतीजे सही नहीं आ रहे हैं। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दो बातें उठाईं। कैप्टन ने कहा कि पंजाब को चीन से आई केवल 10 हजार रैपिड टेस्टिंग किट दी गईं।
कैप्टन ने इस किट की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया। कहा कि इस किट की प्रमाणिकता साबित होनी अभी बाकी है। केंद्र सरकार ने अभी भी जीएसटी के मद का 4.4 हजार करोड़ रुपया नहीं जारी नहीं किया।
भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी केंद्र सरकार से अपर्याप्त सहायता की बात सामने रखी। उम्मीद है कि सोमवार को भी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपने इस रुख को और मुखरता से पेश कर सकते हैं।
पालघर का मुद्दा भी उठा सकते हैं उद्धव
पालघर में दो संतों के मारे जाने की घटना के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पक्ष-विपक्ष में राजनैतिक सरगर्मी बढ़ी है। ठाकरे सरकार ने गिरफ्तार सभी आरोपियों का विवरण जारी कर दिया है।
शिवसेना के नेताओं ने पालघर को भाजपा का गढ़ बताया है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत का कहना है कि वहां भाजपा का दबदबा है। मरने और मारने वाले दोनों हिन्दू हैं, फिर भी लोग घटना को सा्ंप्रदायिक रंग देने में लगे हैं।
एनसीपी के नेता का कहना है कि गिरफ्तार लोगों में भाजपा के कार्यकर्ता भी हैं। उम्मीद की जा रही है कि उद्धव गरीबों, मजदूरों, प्रवासी कामगारों के साथ-साथ इस मुद्दे को भी प्रधानमंत्री के सामने उठाएंगे।
ममता बनर्जी की नाराजगी कायम
उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में कोविड-19 को लेकर बिना विश्वास में लिए भेजी गई केंद्रीय टीम के मामले से लगातार खफा हैं। तीन दिन बाद भी इसका व्यावहारिक रूप से समाधान नहीं हो पाया है।
पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष दिलीप घोष अमर उजाला से बातचीत में इसे ममता बनर्जी का नया ड्रामा बता रहे हैं। वहीं पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि भाजपा और केंद्र सरकार के पास राजनीति करने के सिवा कुछ नहीं है।
केंद्र सरकार न तो राज्यों को चिकित्सा के संसाधन दे पा रही है, न जीएसटी का बकाया और न ही कोविड-19 से प्रभावी तरीके से लड़ पा रही है। केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई टेस्ट किट को लेकर भी शिकायत है।