जनजीवन ब्यूरो / तिरुवनंतपुरम : आर्थिक तंगी से जूझ रही केरल सरकार ने आदेश जारी किया है कि अगले पांच महीने तक सरकारी कर्मचारियों के वेतन से हर महीने छह दिन के बराबर तनख्वाह काटी जाएगी। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि जिन कर्मचारियों का वेतन 20,000 रुपये/महीने से कम है, उनके वेतन में कोई कटौती नहीं होगी। इससे पहले असम सरकार भी वित्तीय तंगी के चलते अपने हाथ खड़े कर चुकी है। असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि अगर बाहर से कोई मदद नहीं मिली तो हम मई का वेतन नहीं दे पाएंगे।
आदेश में यह भी कहा गया है कि मंत्रियों, विधायकों, विभिन्न बोर्ड के सदस्यों, स्थानीय इकाई संस्थाओं के सदस्यों, विभिन्न आयोगों के सदस्यों को एक साल तक 30 फीसदी कम वेतन मिलेगा। हालांकि यह आदेश उन लोगों पर लागू नहीं होते जिन्होंने पहले ही मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) में एक महीने की राशि दे दी है। आदेश में कहा गया है, ‘अगले पांच महीने तक हर माह छह दिन का वेतन काटा जाएगा। यह राज्य के तहत आने वाले सभी प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक उपक्रमों, अर्द्धसरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों और अन्य पर लागू होता है।’
आदेश में कहा गया है कि राज्य वित्तीय संकट से गुजर रहा है, क्योंकि कर संग्रह राजस्व में भारी गिरावट आई है। महामारी ने पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से कमजोर कर दिया है। राज्य में कृषि, औद्योगिक, असंगठित क्षेत्र की आजीविका प्रभावित हुई है। राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को ही वेतन कटौती का फैसला किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा था, काटी गई राशि को लौटाएंगे लेकिन…
मुख्यमंत्री पी. विजयन ने पहले कहा था कि सरकारी कर्मचारियों और सहयोगी संगठनों के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक महीने का वेतन देने की इच्छा जताई थी। विजयन ने यह भी कहा था कि जब राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा तब काटी गई राशि को लौटाने पर भी विचार किया जाएगा। हालांकि सरकारी आदेश में इसका जिक्र नहीं है।
असम सरकार बोली, …तो नई दे पाएंगे मई का वेतन
इससे पहले असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी कह चुके हैं कि अगर बाहर से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली तो राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को मई महीने का वेतन नहीं दे पाएगी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि सरकार मई के पहले हफ्ते के बाद अप्रैल के वेतन का भुगतान तो कर देगी, लेकिन इसके बाद सरकार वेतन नहीं दे पाएगी।