जनजीवन ब्यूरो /नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में शुक्रवार को विपक्षी दलों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक हुई।बैठक की शुरुआत विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा बंगाल और ओडिशा में चक्रवात अम्फान से पीड़ित लोगों के प्रति शोक जता कर हुई। इस बैठक में कोरोना वायरस महामारी के बीच प्रवासी श्रमिकों की स्थिति और मौजूदा संकट से निपटने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों और आर्थिक पैकेज पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।
सोनिया गांधी ने कहा, भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने से पहले ही देश की अर्थव्यवस्था संकट में थी। नोटबंदी और त्रुटिपूर्ण जीएसटी इसके प्रमुख कारण थे। आर्थिक गिरावट 2017-18 से शुरू हुई। सात तिमाही तक अर्थव्यवस्था का लगातार गिरना सामान्य नहीं था फिर भी सरकार गलत नीतियों के साथ आगे बढ़ती रही। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, जैसा कि हम जानते हैं कि 11 मार्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित किया। पूरे विपक्ष ने सरकार को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया था। यहां तक कि जब 24 मार्च को केवल चार घंटे के नोटिस में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया, तब भी हमने इस फैसले का समर्थन किया।
अम्फान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग
बैठक में सभी विपक्षी दलों ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवात अम्फान की वजह से हुई तबाही पर शोक व्यक्त किया और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए मौन रखा। बैठक में कहा गया कि देश पहले से ही कोविड-19 से जंग लड़ा रहा है ऐसे में उसी दौरान चक्रवात अम्फान का आना दोहरा झटका और लोगों को भावनाओं को तोड़ने वाला है।
विपक्षी दलों ने केंद्र से आग्रह किया, ‘दोनों राज्यों के लोगों को सरकारों एवं देशवासियों से तत्काल मदद और एकजुटता की जरूरत है। विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार से आग्रह करती हैं कि इसे तत्काल राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए और फिर इसी के मुताबिक राज्यों को मदद दी जाए।’
विपक्षी दलों ने कहा, ‘फिलहाल राहत और पुनर्वास सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। परंतु इस आपदा के परिणामस्वरूप कई दूसरी बीमारियां पैदा होने की आशंका को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए हम केंद्र सकार का आह्वान करते हैं कि वह दोनों राज्यों के लोगों की मदद करे।’
लोगों की मदद नहीं की गई तो तबाह हो जाएगी अर्थव्यवस्था : राहुल
वहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, लॉकडाउन के दो लक्ष्य हैं, बीमारी को रोकना और आने वाली बीमारी से लड़ने की तैयारी करना। लेकिन, आज संक्रमण बढ़ रहा है और हम लॉकडाउन खोल रहे हैं। क्या इसका मतलब है कि यकायक बगैर सोचे किए गए लॉकडाउन से सही नतीजा नही आया?
राहुल ने कहा, लॉकडाउन से करोड़ों लोगों को जबरदस्त नुकसान हुआ है। अगर आज उनकी मदद नहीं की गई, उनके खातों में 7500 रुपये नहीं डाले गए, अगर उनके लिए राशन का इंतजाम नहीं किया गया, प्रवासी मजदूरों, किसानों और एमएसएमई की मदद नही की तो अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी।