जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । एक तरफ सुप्रीम कोर्ट लॉकडाउन में फंसे लोगों को अपने घर तक पहुंचाने को आदेश दे रही है। जबकि रेलवे देश के लोगों से बेरहम अपील कर रही है। जिसके तहत कहा जा रहा है कि गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को ट्रेन से तब तक सफर न करे जबतक की बहुत ज्यादा जरूरी न हो। इसके अलावा डायबिटीज, बीपी, हृदय रोग जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को भी ट्रेन यात्रा से बचने की अपील की है। इस तरह के लोगों के कोरोना की चपेट में आने का जोखिम ज्यादा होता है, इसी के मद्देनजर यह अपील की गई है।
17 मई को जारी गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए रेल मंत्रालय ने यात्रियों से अपील की है कि बहुत ज्यादा जरूरी न होने पर यात्रा न करें। रेलवे ने अपील की है कि हाइपरटेंशन, डायबिटीज, कार्डियो-वस्कुलर डिसीज, कैंसर, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी जैसी को-मॉर्बिडिटीज वाले लोग, गर्भवती महिलाएं, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को ट्रेनों में सफर से बचना चाहिए।
रेलवे ने माना कुछ मौतें हुई हैं
रेलवे ने अपने बयान में कहा कि यह देखने में आया है कि ट्रेनों में कुछ ऐसे लोग भी सफर कर रहे हैं, जो पहले से किसी न किसी वजह से बीमार हैं। इस वजह से उनके सामने कोरोना का खतरा ज्यादा है। पहले से बीमार हालत में सफर कर रहे लोगों की मौत होने के कुछ मामले देखे गए हैं।