मृत्युंजय कुमार / पटना । बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा अभी हुई नहीं है लेकिन सियासत गरमा गई है। गृह मंत्री अमित शाह जहां रविवार को प्रदेश में सबसे बड़ी वर्चुअल रैली को संबोधित करने वाले हैं वही आरजेडी ने ‘थाली पीटो’ अभियान चलाने का ऐलान किया है। आरजेडी के ‘थाली पीटो’ अभियान से पहले ही पटना की सड़कों पर लालू यादव के पोस्टर लगाए गए हैं। जिसके जरिए आरजेडी प्रमुख लालू यादव पर निशाना साधने की कोशिश की गई है।
पटना के डाक बंगला चौराहे और आयकर विभाग रोड पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को निशाने पर लेते हुए होर्डिंग लगाए गए हैं।लगाए गए पोस्टर में लिखा है- कैदी बजा रहा थाली, जनता बजाओ ताली। पोस्टर में आरजेडी प्रमुख लालू यादव के साथ-साथ मोहम्मद शहाबुद्दीन और राजवल्लभ यादव की तस्वीर लगी हुई है। साथ ही तीनों को थाली पीटते हुए दिखाया गया है। हालांकि, ये पोस्टर किसने लगाया, ये स्पष्ट नहीं हुआ है क्योंकि पोस्टर में किसी का नाम नहीं लिखा है।
एक दिन पहले आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने पटना में पार्टी ऑफिस के बाहर खुद एक पोस्टर लगाया। साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा। दरअसल, बिहार में प्रवासी मजदूरों को लेकर पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी की गई एक चिट्ठी को लेकर प्रदेश में राजनीतिक घमासान गरमाया हुआ है। इसी को लेकर बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को पार्टी कार्यालय के बाहर नीतीश सरकार को घेरते हुए खुद अपने हाथ से पोस्टर लगाया।
चिट्ठी पर घमासान: तेजस्वी ने लगाया पोस्टर, कहा- नीतीश को मांगनी पड़ेगी माफीबिहार में प्रवासी मजदूरों को लेकर पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी की गई एक चिट्ठी को लेकर राजनीतिक घमासान तेज होता जा रहा है। बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादन ने इस बीच पार्टी कार्यालय के बाहर नीतीश सरकार को घेरते हुए खुद अपने हाथ से पोस्टर लगाया। दरअसल, पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित आरजेडी मुख्यालय के बाहर तेजस्वी यादव ने जो पोस्टर लगाया है, उसमें उसी पत्र को दिखाया गया है जिसे पुलिस मुख्यालय की ओर से 29 मई को जारी किया गया था। तेजस्वी यादव ने पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाने के बाद कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रवासी मजदूरों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। इस चिठ्ठी में पूरी तरह से बेशर्मी है। यह चिठ्ठी सिर्फ विभाग की नहीं बल्कि नीतीश कुमार के अंतरात्मा की उपज है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के काम करने के दो तरीके हैं, पहला पीठ में खंजर भोंकना और दूसरा किसी अन्य के कंधे पर बंदूक रखकर चलाना। इस चिट्ठी से स्पष्ट हो गया कि सरकार के दिल में क्या है। इसके लिए नीतीश कुमार को जन-जन से माफी मांगनी पड़ेगी। नीतीश कुमार पर तेजस्वी की ओर से किए गए ताजा हमले पर जेडीयू ने पलटवार किया है। जेडीयू नेता और प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि तेजस्वी को जब बिहार में कुछ नहीं मिला तो वे भूलवश जारी पुलिस मुख्यालय के पत्र को तुरूप का पत्ता समझ बैठे हैं। लेकिन तेजस्वी को शायद यह पता नहीं कि कल ही पुलिस मुख्यालय की ओर से इसपर स्पष्टीकरण दिया गया। इसमें कहा गया था कि पुलिस प्राप्त सूचना के आधार पर काम पर काम करती है। इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं रहता। खुद डीजीपी और पत्र जारी करने वाले एडीजी ने उस पत्र को वापस लेने की बात कह दी थी। ऐसे में अब इस चिठ्ठी का कोई मायने नहीं है। तेजस्वी के पास कोई मुद्दा नहीं है तो वे इस तरह के हथकंडे अपनाकर मीडिया में बने रहना चाहते हैं। तेजस्वी जान लें कि नीतीश कुमार ने सभी घर वापसी करने वाले मजदूरों को रोजगार देने का वादा किया है और नीतीश कुमार जो वादा करते है उसे निभाते भी है।
शनिवार को पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित आरजेडी मुख्यालय के बाहर तेजस्वी यादव ने जो पोस्टर लगाया है, उसमें उसी पत्र को दिखाया गया है जिसे पुलिस मुख्यालय की ओर से 29 मई को जारी किया गया था। तेजस्वी यादव ने पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाने के बाद कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रवासी मजदूरों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। इस चिठ्ठी में पूरी तरह से बेशर्मी है। तेजस्वी की ओर से लगाए गए इस पोस्टर के बीच अब राष्ट्रीय जनता दल के ‘थाली पीटो’ अभियान से पहले शनिवार को पटना की सड़कों पर लगा लालू यादव का पोस्टर चर्चा का विषय जरूर बन गया।
बता दें कि लालू के मुख्यमंत्री रहने के दौरान पशुपालन विभाग में 900 करोड़ रुपये से ज्यादा का चारा घोटाला किया गया था। अभी तक इस घोटाले से जुड़े चार मामलों में कोषागार से फर्जी धन निकासी के आरोप में लालू को सजा हो चुकी है। इनमें दो मामले चाईबासा कोषागार के हैं, जबकि एक-एक मामला दुमका व देवघर कोषागार का है।
हालांकि चाईबासा और देवघर के एक-एक मामले में लालू को जमानत मिल चुकी है। उन पर दोरांदा कोषागार से जुड़े पांचवें मामले में रांची की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई जारी है। दिसंबर, 2017 से जेल में बंद लालू फिलहाल रांची के रिम्स अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।