जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण विधेयक 2०14 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झुकने से कांग्रेस आज आत्मविश्वास से लवरेज दिखी। ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित कांग्रेस की किसान सम्मान रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर बरसे। राहुल के भाषण में जहां तेवर नजर आया वहीं जबरदस्त आत्मविश्वास भी दिखा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि मोदी की मेक इन इंडिया पहल में किसानों और मजदूरों के लिए कोई जगह नहीं है, बल्कि यह टेक इन इंडिया है। मोदी किसानों की जमीन छीनना चाहते हैं। इस आंदोलन के सामने सरकार भूमि विधेयक पर अध्यादेश को वापस लेने पर बाध्य हो गई, यह निश्चित रूप से कांग्रेस की जीत है लेकिन इसके लिए ज्यादा श्रेय किसानों को जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि जब हल और हाथ की ताकत इकट्ठा हुई, तो मोदी सरकार को जमीन अधिग्रहण अध्यादेश वापस लेना पड़ा। यह किसी व्यक्ति की नहीं, बल्कि आपकी जीत है। रैली में कांग्रेस नेताओं ने किसानों को आगाह किया कि लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है बल्कि भूमि विधेयक पर लड़ाई संसद तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसे विधानसभाओं में भी लड़ा जाना है।
अपने 2० मिनट के भाषण में राहुल ने मोदी के मेक इन इंडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि, विकास के बहाने वो किसानों की जमीन छिनना चाहते हैं। वो मेक इन इंडिया की बात करते हैं लेकिन उसमें मजदूर और किसान नहीं होते। अंग्रेजी में मेक का मतलब होता है कि बनाना और टेक का मतलब होता है छिनना। यह मेक इन इंडिया नहीं बल्कि मोदी जी का टेक इन इंडिया है। उन्होंने कहा कि मोदी जो सच में सोचते हैं वह बोलते नहीं है। एक तरफ मोदी कांग्रेस के भूमि अधिग्रहण विधेयक को अस्तित्व में लाने की बात करते हैं दूसरी तरफ भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को किसानों से राजग विधेयक के तर्ज पर जमीन अधिग्रहण के लिए कहते हैं। मोदी जी चाहते हैं कि किसान कमजोर रहे। अभी जमीन की जंग खत्म नहीं हुई है। हम राज्य में जमीन की जंग लड़ेंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि, प्रधानमंत्री ने तीन बार अध्यादेश लाकर अपने मन की बात कही लेकिन अंत में उसे वापस लेकर कांग्रेस का भूमि बिल लागू किया। यह कांग्रेस की जीत है लेकिन इससे पहले यह देश के किसान की जीत है। यह बात मैं गर्व से कहना चाहता हूं कि लोकसभा में हमारे 4०-45 सांसद किसानों के लिए मजबूती से लड़े। उन्होंने कहा कि एक किसान ने बातचीत में मुझे बताया कि किसान की एक नहीं, बल्कि दो मां होती हैं। पहली जो उसकी देखभाल करती है, दूसरा उसका खेत और जमीन, जिसमें रोज खेती कर वो अपना खून-पसीना बहाता है। उस किसान ने मुझसे कहा कि नरेंद्र मोदी हमसे हमारी जमीन नहीं, हमसे हमारी मां छीन रहे हैं। उस दिन मुझे समझ में आया कि यह किसान के भविष्य और उसकी इज्जत की लड़ाई है। इसलिए हमने यह लड़ाई लड़ी।
मोदी पर एक बार फिर सूट-बूट का ताना कसते हुए राहुल गांधी ने एक कहानी सुनाते हुए कहा कि ज्ञान सबके पास होता है, सूट-बूट वालों के पास भी लेकिन मोदी केवल सूट-बूट वालों की ही बात सुनते हैं। सूट-बूट वाले आम आदमी को नहीं जानते। सूट-बूट वाले जमीनी हकीकत से दूर हैं। प्रधानमंत्री जो सोचते हैं, वो कहते नहीं हैं। मोदी जी चाहते हैं कि किसान कमजोर रहे। अभी जमीन की जंग खत्म नहीं हुई है। हम राज्य में जमीन की जंग लड़ेंगे।
सोनिया ने मोदी की विदेश यात्रा पर सवाल उठाया और कहा कि आत्म हत्या कर रहे किसानो को देखने का समय मोदी के पास नहीं है लेकिन 15 लाख का सूट बूट पहनकर विदेश यात्रा पर जाने के लिए उनके पास समय है। उन्होंने कहा,सूट-बूट वाले आम आदमी को नहीं जानते। सूट-बूट वाले जमीनी हकीकत से दूर हैं। प्रधानमंत्री मोदी केवल सूट-बूट वालों की सुनते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी नरेंद्र मोदी को जमकर कोसा और कहा कि जब हल और हाथ की ताकत इकट्ठा हुई, तो मोदी सरकार को जमीन अधिग्रहण अध्यादेश वापस लेना पड़ा। यह किसी व्यक्ति की नहीं, बल्कि आपकी जीत है। किसान केवल अन्नदाता ही नहीं, भाग्यविधाता भी है। लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और अब यह प्रदेशों में चली गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, तब से किसान की स्थिति बिगड़ती जा रही है। किसान कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं। कहीं उन्हें बिजली तो कहीं खाद भी नहीं मिल रही। किसानों की इस हालत के लिए सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी सरकार है। कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए किसानों का 72 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया और हर मदद पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मोदी के पास केवल विदेश यात्रा करने और उद्योगपतियों से मिलने के लिए खूब समय है, लेकिन किसानों के लिए नहीं। मोदी सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के वादे पर आंख और कान बंद कर लिए हैं।
सोनिया गांधी ने आगे कहा, जब भी प्रधानमंत्री जनता की आवाज नहीं सुनेंगे तो कांग्रेस उनके रास्ते में जरूर बाधा बनेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल झूठी बातें कर रही है। हम राष्ट्रहित के लिए कुर्बानी को तैयार हैं। हम आगे की लड़ाई के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा, एक पार्टी जिसने आजादी की लड़ाई लड़ी, कुर्बानियां दीं, आधुनिक भारत का निर्माण किया, क्या वह विकास के रास्ते में बाधक हो सकती है? अपनी विफलता को छिपाने के लिए प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी कांग्रेस को विकास के रास्ते में बाधा मानते हैं।
सोनिया गांधी ने कहा किसानों के पास कहीं पानी नहीं है तो कहीं बीज नहीं। फसल की नकली दवांइयां बजार में बिक रही हैं जो किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रही है। मोदी बस सपने दिखा रहे है। रोजगार के वादे का क्या हुआ?इस पर प्रधानमंत्री क्यों नहीं कुछ कर रहे हैं।
पांच महीने के बाद यह दूसरा मौका है, जब भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर कांग्रेस रामलीला मैदान में रैली की है। इससे पहले 19 अप्रैल को पार्टी ने रैली कर केंद्र सरकार को इस मामले में किसानों की नाराजगी का अहसास कराया था। पार्टी नेताओं का मानना है कि कांग्रेस द्बारा संसद के भीतर और बाहर भी किए गए जोरदार विरोध का ही नतीजा है कि केंद्र को अपना प्रस्तावित संशोधन वापस लेना पड़ा है। लिहाजा, पार्टी किसानों के हक में मिली इस सफलता के मद्देनजर अब किसान सम्मान रैली का आयोजन किया।