जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । तलहटी में समा जाने वाला नेपाल भारत को ही आंखें दिखा रहा है। नेपाल ने पहले अपने नए नक्शेु में भारत के कई इलाकों को अपने सीमा में शामिल कर लिया। उसके बाद बिहार से लगे बॉर्डर पर अचानक वहां की सशस्त्रक पुलिस ने गोलियां बरसा दीं। हमले में एक भारतीय नागरिक की मौत हुई है और दो घायल बताए जा रहे हैं। खासबात यह है कि शनिवार को देहरादून में इंडियन मिलिट्री अकैडमी की पासिंग आउट परेड में तीन कैडेट्स नेपाल से भी थे।
चीन, नेपाल, अफगानिस्ताान के कैडेट्स को मिली ट्रेनिंग
IMA में मित्र देशों के कैडेट्स को भी ट्रेनिंग दी जाती है। इस बार विदेशियों में सबसे ज्या दा 48 मिलिट्री ऑफिसर अफगानिस्ताेन के थे। तजाकिस्तासन के 18 कैडेट्स को भी ट्रेनिंग दी गई। इसके अलावा चीन के भी कई कैडेट्स शामिल रहे। इसके अलावा भूटान, मालदीव, श्रीलंका के कैडेट्स को भी ट्रेनिंग दी जाती है। भारतीय सेना में नेपाली नागरिकों को मौका भी दिया जाता है। ट्रेनिंग में कुल 333 भारतीय और नौ देशों के 90 कैडेट्स पास हुए हैं। पासिंग आउट सेरेमनी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब वर्दी पर रैंक का बैज लगाने के लिए कैडेट्स के पिता मौजूद नहीं रहे।
नए नक्शेज से भारत को चुनौती दे चुका है नेपाल
नेपाल ने पिछले महीने अपना नया नक्शाे जारी किया था। इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया है। प्रधानमंत्री के. पी. ओली के नेतृत्व वाली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ने इस संविधान संशोधन विधेयक को नेपाल की संसद में पेश किया। प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस और मधेसी-आधारित पार्टियों की तरफ से इसे समर्थन भी मिला। भारत ने 28 मई को कहा था कि वह नेपाल के साथ पारस्परिक सम्मान के आधार पर और सीमा के मुद्दे को हल करने के लिए विश्वास के माहौल में मुद्दे को सुलझाना चाहता है।
भारत और नेपाल के बीच क्या है कालापानी विवाद?भारत और नेपाल के बीच ‘कालापानी बॉर्डर’ का मुद्दा एक बार फिर से सुर्खियों में है। नेपाल इस मुद्दे पर भारत से बात करना चाहता है। नेपाल का कहना है कि आपसी रिश्तों में दरार पड़ने से रोकने के लिए कालापानी मुद्दे को सुलझाना अब बहुत जरूरी है। सवाल है कि जिस मसले को लेकर दोनों देशों के बीच कभी कोई तनाव के हालात नहीं बने, उसे लेकर अब ऐसी बैचैनी क्यों है? खास तौर पर नेपाल की ओर की। क्या है कालापानी का ये पूरा मसला और नेपाल में क्यों ये बन गया है एक बड़ा मुद्दा, आपको बताते हैं इस विडियो में।
धमकी तक दे चुका है नेपाल
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को उत्तराखंड में लिपुलेख र्दे को चीन में कैलाश मानसरोवर मार्ग से जोड़ने वाली एक नई सड़क का उद्घाटन किया था। नेपाल ने इसका विरोध किया था और क्षेत्र में सुरक्षा चौकी लगाने की धमकी दी थी। कुछ दिन बाद नेपाल ने नया नक्शाऔ जारी किया। यही नहीं, उसने भारतीय सीमा से लगी एक रोड पर 12 साल बाद काम शुरू करा दिया है। यह रोड उत्ततराखंड के धारचूला कस्बे से होकर गुजरती है। करीब 130 किलोमीटर लंबी धारचूला-टिनकर रोड का 50 किलोमीटर का हिस्सार उत्तकराखंड से लगा हुआ है।
बॉर्डर पर चली गोलियां, एक की मौत
भारत और नेपाल के बॉर्डर पर शांति रहती है। दोनों देशों के बीच आवाजाही के लिए किसी वीजा की जरूरत भी नहीं होती। मगर अब नेपाल के तेवर बदल रहे हैं। शुक्रवार को भारत-नेपाल सीमा पर सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा थाना क्षेत्र में नेपाल की बॉर्डर फोर्स ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इसमें एक भारतीय की मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए। सशस्त्रं सीमा बल (SSB) के डीजी राजेश चंद्रा के मुताबिक, एक स्थाघनीय विवाद के चलते नेपाल की फोर्स ने फायरिंग की। इस मामले में एक रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी गई है।
‘नेपाल पुलिस ने भारत की सीमा में घुसकर मुझे उठाया’, एक भारतीय का सनसनीखेज खुलासा सीतामढ़ी: जिले में नेपाल बॉर्डर के पास नेपाल पुलिस की फायरिंग के बारे में अब खुलासे हो रहे है। इस मामले के चश्मदीद लगन किशोर को नेपाल पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया था। लेकिन बाद में बढ़ते दबाव के बाद लगन को आज रिहा किया गया। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि एक बेहद मामूली सी बात पर नेपाल पुलिस ने अपनी बंदूक का मुंह भारतीय नागरिकों की तरफ खोल दिया। ये हम नहीं कह रहे बल्कि ये उस गवाह की आंखों देखी है जो 12 घंटे से ज्यादा नेपाल पुलिस की हिरासत में रहा। 12 जून की सुबह 8 बजे की घटना के बाद सीतामढ़ी के रहनेवाले लगन किशोर को नेपाल पुलिस उठाकर अपने साथ संग्रामपुर ले गई थी। शनिवार को लगन को नेपाल पुलिस ने रिहा किया। लगन ने यहां तक दावा किया है कि उन्हें नेपाल पुलिस ने बिहार की सीमा में अंदर घुसकर उठाया और संग्रामपुर ले जाकर ये बुलावाने की कोशिश की कि उन्हें नेपाल सीमा से उठाया गया है। रिहाई के बाद अब लगन सारी बातें तफ्सील से बता रहे हैं। लगन के मुताबिक उनके बेटे की शादी नेपाल में है। नेपाल से उनकी बहू और समधन 12 जून को परिवार के साथ सीतामढ़ी में अपने परिवार वालों से मिलने के लिए आईं थीं। लेकिन उन्हें बॉर्डर पर नेपाल पुलिस ने रोक लिया। इस दौरान लगन का बेटा भी वहां मौजूद था। वहां मौजूद नेपाल पुलिस ने उनके बेटे को इसी बात पर डंडों से पीटा। तब तक लगन भी वहां पहुंच गए। उन्होंने जब नेपाल पुलिस से इसकी वजह पूछी तो उन्हें भी बदसलूकी का सामना करना पड़ा। लगन का दावा है कि इसके बाद बॉर्डर पर मौजूद नेपाल पुलिस के अफसर ने 10 जवानों को मौके पर बुलाया। इन्हीं 10 जवानों ने बॉर्डर पार से सीतामढ़ी में फायरिंग की जिसमें विकेश कुमार नाम के एक युवक की मौत तक हो गई। लगन के इस बयान से नेपाल पुलिस के उस दावे पर सवाल उठ गए हैं जिसमें भारतीयों पर तस्करी का आरोप लगाया गया है। लगन के दावे को मानें तो ऐसा लगता है कि नेपाल पुलिस ने जानबूझकर और बगैर किसी वजह के फायरिंग की। एक तरफ नेपाल से भारत में रोटी-बेटी के रिश्ते की दुहाई दी जाती है। लेकिन इस घटना के बाद ऐसी दुहाइयां भी सवालों के घेरे में है। हालांकिअभी तक इस पूरे मामले पर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है।