जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारी तनाव पर विदेश मंत्रालय ने आज कहा चीन ने 15 जून को देर शाम और रात को चीन की सेना ने वहां यथास्थिति बदलने की कोशिश की जिससे दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई। गलवान घाटी में कल रात चीन और भारत के सेनाओं के बीच हिंसक झड़प में भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक बयान कहा कि 6 जून को दोनों देशों के सीनियर कमांडरों के बीच सार्थक बातचीत हुई और सीमा पर विवाद को कम करने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति बनी। इसे लागू करने के लिए ग्राउंड कमांडरों के बीच कई बैठकें हुईं। उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद थी कि विवाद कम करने की प्रक्रिया में कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन चीन अपनी बात से मुकर गया। उसने गलवान घाटी में एलएसी पर इस सहमति के अनुरूप काम नहीं किया।
यथास्थिति बदलने की कोशिश
15 जून को देर शाम और रात को चीन की सेना ने वहां यथास्थिति बदलने की कोशिश की जिससे दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें दोनों तरफ के जवान हताहत हुए। अगर चीन ने हाई लेवल पर बनी सहमति को पालन किया होता तो इस स्थिति से बचा जा सकता था। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों देश तनाव कम करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बात कर रहे हैं।
लद्दाख में खूनी झड़प: भारत ने कहा, चीन का रवैया जिम्मेदारलद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प पर भारत ने विदेश मंत्रालय की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया आ गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बयान जारी करते हुए कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है। 6 जून को सीनियरों कमांडरों की अच्छी बैठक हुई। इसके बाद ग्राउंड कमांडरों के बीच कई बैठकें हुईं। हमें उम्मीद थी कि सबकुछ अच्छे से होगा। चीनी पक्ष गलावन वैली में LAC का सम्मान करते हुए पीछे चला गया, लेकिन चीन के द्वारा स्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश करने पर 15 जून को एक हिंसक झड़प हो गई। इसमें दोनों पक्षों के लोगों की मौत हुई है, इससे बचा जा सकता था। सीमा प्रबंधन को लेकर भारत का जिम्मेदार रवैया है। भारत सारे काम LAC में अपनी सीमा के अंदर ही करता है, चीन से भी ऐसी उम्मीद हम रखते हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि सीमा प्रबंधन में भारत ने हमेशा जिम्मेदार रुख अपनाया है। भारत का स्पष्ट मानना है कि सभी गतिविधियों एलएसी पर भारत के इलाके में हो रही हैं। हम चीन से भी यही उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत सीमा पर शांति का पक्षधर रहा है और उसका साफतौर पर मानना है कि मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। लेकिन साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।