अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली। राज्यसभा चुनाव से पहले ही मध्य प्रदेश में जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया, वही राजस्थान में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सचिन पाटलट पार्टी से भितरघात की ताक में हैं। लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें संदेश दे दिया है कि यदि तय वोट से एक भी कम मिला तो उन्हें न सिर्फ सरकार से बल्कि पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस संगठन को सख्त निर्देश सुना दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश प्रभारी के माध्यम से संदेश भेजा है कि प्रदेश कांग्रेस में निर्धारित मत से एक भी कम वोट मिला तो उसके उत्तरदायी प्रदेश संगठन को माना जाएगा। इसके साथ-साथ आलाकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश प्रभारी के बातों को ही पाटी तरजीह देगी। ताकि कोई प्रदेश का नेता प्रभारी को अवहेलना न कर सके। ऐसी सूरत में जहां तक संभव होगा पार्टी का वही स्टैंड माना जाएगा जो प्रदेश प्रभारी का होगा। हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने करीब 8-10 विधायकों की उस बात को गंभीरता से लिया है जिनके साथ कुछ नाराजगी थी।
बताया जाता है कि सचिन पायलट कुछ विधायकों को गुमराह कर अपनी उंगली सीधा करने में जुटे हुए हैं। पायलट को गुमराह करने में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए नेता जुटे हुए हैं। इस रणनीति की भनक पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी को लग गई। पायलट राजस्थान के नेताओं पर अपना धमक राहुल गांधी से सीधे तौर पर जुड़े होने का दिखाते रहे हैं। मजेदार बात यह है कि राहुल गांधी को सचिन पायलट के कारनामों का पता ही नहीं था। पार्टी हाइकमान ने राहुल गांधी के सामने में ही पायलट को खड़ी खोटी सुनाई और राज्यसभा चुनाव की सारी जिम्मेदारी उनपर जाल दी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के गुटबाजी को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है। इस दौरान पार्टी के तरफ से बतौर पर्यवेक्षक रणदीप सुरजेवाला, टी.एस. सिंहदेव से मिली जानकारी के गंभीरता से अध्ययन कर रही है। जिसमें कई विधायकों की राय थी कि प्रदेश में वास्तविक कार्यकर्ता को आगामी बोर्ड/निगम के पद पर मौका दिया जाए। इस दौरान वे विधायकों ने पर्यवेक्षकों को बताया कि किसके शह पर इस तरह की बात हवा में चल रही है। लेकिन सारे विधायकों ने पार्टी के साथ किसी तरह की बगावत करने की बात नही की । सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के कुछ नेता प्रदेश प्रभारी का बात अनसुना करके सीधे दिल्ली चले आते हैं। जो ठीक नही है। इन सारी तथ्यों के साथ पर्यवेक्षक ने पार्टी आलाकमान को बता दी है। कयास लगाया जा रहा है कि आलाकमना राज्यसभा चुनाव के बाद प्रदेश में एक्शन मूड में फैसला करेगी।