जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए खुद मोर्चा संभाल रखा है। उसी के तहत रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली सरकार के साथ तीसरी अहम बैठक की। इससे पहले शाह दिल्ली के कोविड अस्पतालों का दौरा भी कर चुके हैं। बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और अन्य आला अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे।
शाह के साथ केजरीवाल और सिसोदिया ने महत्वपूर्ण चर्चा की
बैठक में दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि दिल्ली सरकार कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति की बारिकी से निगरानी कर रही है। सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ महत्वपूर्ण रणनीतियों पर चर्चा की। इस दौरान कोरोना संभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं को और मजबूत बनाने पर विस्तार से चर्चा हुई।
दिल्ली में आज सामने आए 3 हजार पॉजिटिव केस
राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को और 3 हजार लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसके साथ ही दिल्ली में कोविड-19 के मामले 60 हजार के करीब पहुंच गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि शहर में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से 2,175 लोग की मौत हुई है। यह लगातार तीसरा दिन है जब दिल्ली में तीन हजार या उससे ज्यादा कोविड-19 के नए मामले सामने आ रहे हैं। शनिवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 3,630 नए मामले सामने आए थे, वहीं शुक्रवार को 3,137 नए मामले आए।
24 घंटे में 63 लोगों की मौत
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण से 63 लोग की मौत हुई है। संक्रमण से अभी तक कुल 2,175 लोग की मौत हुई है जबकि अभी तक कुल 59,746 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। बुलेटिन के अनुसार, राज्य में फिलहाल 24,558 लोगों का संक्रमण का इलाज चल रहा है जबकि 33,013 लोग या तो इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हो चुके हैं या शहर से बाहर जा चुके हैं। उसमें कहा गया है कि दिल्ली में अभी तक कुल 3,70,014 नमूनों की जांच की गई है। उसमें कहा गया है कि शहर में 12,106 कोविड-19 मरीज अपने होम आइसोलेशन में रह रहे हैं।
दूसरी ओर, दिल्ली सरकार ने एक संशोधित आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित ऐसे मरीज जो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त नहीं हैं या उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं हैं, वे घर में पृथक-वास का विकल्प चुन सकते हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को अनिवार्य रूप से पांच दिन तक संस्थागत पृथक-वास केन्द्र में रहने के फैसले को वापस ले लिया गया था।
शनिवार (20 जून) को एक आदेश में कहा गया था, ”संक्रमित पाए जाने वाले सभी लोगों को, उनकी स्थिति का आकलन करने, बीमारी की गंभीरता को देखने और यह पता करने के लिए कि वे किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित तो नहीं हैं, कोविड केन्द्रों में भेजा जाएगा।” आदेश के अनुसार इस सबंध में आकलन किया जाएगा कि दो कमरें, एक अलग शौचालय जैसी पर्याप्त सुविधाएं घर में हों, ताकि परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों को इस महामारी से बचाया जा सके।