जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। सोशल साइट्स वाट्स एप,फेशबुक, ट्विटर पर सरकार की पाबंदी लगाने की नेशनल इनक्रिप्शन नीति पर केंद्र सरकार के यू टर्न लेने के बाद कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर नजर रखना चाहती है। नेशनल इनक्रिप्शन नीति उसी के लिए बनाई गई है।
नेशनल इनक्रिप्शन नीति के तहत सरकार ने किसी भी मोबाइल उपकरण या कंप्यूटर से भेजे गये एसएमएस और ईमेल सहित कूट भाषा वाले सभी संदेशों को नयी इनक्रिप्शन नीति के तहत 90 दिनों तक अनिवार्य रूप से स्टोर करके रखने का प्रस्ताव किया है। प्रस्ताव के मुताबिक, आप जो भी संदेश भेजें, चाहे वह व्हाट्सऐप से, एसएमएस से, ईमेल से या किसी अन्य सेवा से भेजा गया हो, उसे 90 दिनों के लिए अनिवार्य रूप से स्टोर करके रखना होगा और मांगने पर उसे सुरक्षा एजेन्सियों को उपलब्ध कराना होगा. कूट भाषा में भेजे गये संदेशों को स्टोर करके रखने और मांगने पर उपलब्ध कराने में विफल रहने पर की जाने वाली कानूनी कार्रवाई में जेल की सजा भी हो सकती है। इलेक्ट्रानिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी प्रस्तावित नयी इनक्रिप्शन नीति सरकारी विभागों, अकादमिक संस्थानों, नागरिकों और हर तरह के संचार सहित सभी लोगों पर लागू होगी।
आमतौर पर व्हाट्सऐप, वाइबर, लाइन, गूगल चैट, याहू मैसेंजर आदि जैसी सभी आधुनिक मैसेजिंग सेवाओं में अत्यधिक कूट भाषा का इस्तेमाल किया जाता है जिससे सुरक्षा एजेंसियों के लिए इन संदेशों को स्पष्ट कर पाना मुश्किल होता है। नीति के मसौदे में कहा गया है, ‘सभी सूचनाओं को संबद्ध बी-सी इकाई द्वारा 90 दिनों तक स्टोर रखा जाएगा और जब कभी मांगा जाए, उसे कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उपलब्ध कराया जाएगा। मसौदे में परिभाषित बी वर्ग में सभी सांविधिक संगठन, कार्यकारी निकाय, कारोबारी व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, अकादमिक संस्थान आएंगे, जबकि सी वर्ग में सरकारी कर्मचारी व गैर अधिकारी या निजी कारोबार कर रहे सभी नागरिक शामिल हैं. सूचना प्रसारण मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, ‘इससे (प्रस्ताव) आम व्यक्ति पर कोई असर नहीं पडने वाला है।
हालांकि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार सोशल मीडिया के खिलाफ नहीं है। ड्राफ्ट में जो भी बातें हैं वह सरकार की राय नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं ड्राफ्ट की कॉपी देखी है और इसे वापस लेने को कहा है। ड्राफ्ट की फिर से समीक्षा होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करती है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने की बात करती है और दूसरी तरफ लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी को छिनना चाहती है। सुरजेवाला ने कहा कि देश में 24.31 करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग करते हैं जिनमें 17.30 लाख मोबाइल इंटरनेट उपभोक्ता भी हैं। 11.20 करोड़ फेशबुक, आठ करोड़ व्हाट्सऐप, 2.20 करोड़ ट्विटर और 95 करोड़ लोग मोबाइल उपभोक्ता हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 16 माह के दौरान मोदी सरकार आम जनता की व्यक्तिगत जिंदगी में झांकने का प्रयास करती रही है। महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मंत्रियो की निंदा सोशल साइट्स पर करने की आजादी सरकार ने छिन ली थी। पटेल आरक्षण आंदोलन के दौरान लोगों के मोबाइल और इंटरनेट बंद कर दिए गए थे। इतना ही नहीं मोदी की निंदा करने पर आईआईटी के छात्रों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।