हम सभी अपने सपनों का खूबसूरत घर चाहते हैं। घर का निर्माण करवाना आज के महंगे शहरी परिवेश में एक बड़ी चुनौती है, एक तैयार अपार्टमेंट खरीदना समान रूप से चुनौतीपूर्ण काम है। अधिकांश खरीदार एक विशाल अनुरूप घर खरीदने की इच्छा रखते हैं लेकिन कई समय पहली बार खरीदार गलत वास्तु के साथ घर खरीद लेते है।
घर खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान-
- हमेशा उत्तर, उत्तर – पूर्व या पूर्व में मुख्य प्रवेश द्वार चुनना चाहिए।
- उत्तर से पूर्व क्षेत्र में खुली जगह या बहुत खुली जगह होने पर विचार करें।
- घर में सुबह की सूरज की किरने पड़ना बेहद जरूरी है, लेकिन डूबते हुए सूरज की किरणों से बचना चाहिए।
- रसोईघर दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए, दक्षिण-पश्चिम में मास्टर बेड रूम, उत्तर-पश्चिम में बच्चों का बेड रूम – ये कुछ अति आवश्यक टिप्स हैं, जिनकी गंभीरता से पालन किया जाना चाहिए।
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- ईश्वर का निवास स्थान उत्तर से पूर्व क्षेत्र में होना आवश्यक हैं।
- वास्तुशास्त्र के अनुसार हर घर चौरस वर्गाकार या आयताकार का होना चाहिए। लेकिन शहरों में इस तरह के परिसर को प्राप्त करना बहुत कठिन है, इसलिए उसी परिसर को चुने जिनमे में कट ना हो।
आज कल डेवलपर्स का दावा है कि उनकी परियोजनाएं वास्तुशास्त्र के अनुरूप हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में ये दावे झूठे पाए जाते हैं। इस तरह के दावों को सत्यापित करने के लिए, किसी को वास्तु सलाहकार के संपर्क विवरण करना चाहिए।