जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार के ताली और थाली पर तंज कसते हुए कहा कि अब ‘टिड्डी दल के हमले को ‘प्राकृतिक आपदा’ घोषित करे मोदी सरकार। ताकि देश के राजस्थान,दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 84 से अधिक जिलों के किसान को मुआवजा मिल सके। पार्टी के मीडिया प्रभारी व प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि खेत खलिहान, पेड़ पौधे व वनस्पति पाकिस्तान से आए टिड्डी दल के हमले से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। मगर मोदी सरकार इस हमले का न तो समाधान बताती, न किसानों को सहायता पहुँचाती है।
सुरजेवाला ने कहा कि इस टिड्डी दल ने भारत में पहला हमला 11 अप्रैल, 2020 को राजस्थान के गंगानगर में बोला था। आज किसानों की दस लाख हेक्टेयर से अधिक की फसल टिड्डी दल साफ कर चुका है, मगर देश के किसान को कोई राहत नहीं। राहुल गांधी ने सरकार को बाकायदा आगाह किया, पर कोरोना की तरह ही, टिड्डी दल को रोकने के उपाय करने बारे सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंगी। और अब बीमा कंपनियां फसल बीमा योजना में टिड्डी दल से हुए नुकसान का मुआवजा तक देने से इंकार कर रही हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री ने टिड्डी दल के हमले को ‘नैचुरल डिज़ास्टर’ की परिभाषा में शामिल ही नहीं किया।
सुरजेवाला का कहना है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मांग करती है कि टिड्डी दल के हमले को भारत सरकार के कृषि विभाग व एनडीएमए द्वारा ‘नैचुरल डिज़ास्टर’ की परिभाषा में शामिल कर फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवज़ा दिया जाए। इसके अलावा नष्ट हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी करवाकर सभी किसानों को ‘विशेष राहत पैकेज’ दिया जाए। इसके साथ-साथ 75 दिन से अधिक से खेती, पेड़-पौधे व सब वनस्पतियों पर चल रहे इस आक्रमण का वैज्ञानिक व तर्कसंगत हल निकाला जाए।
सुरजेवाला ने बताया कि टिड्डी दल का यह हमला 60 साल बाद देश की राजधानी में हुआ है। यह टिड्डी दल 10 किलोमीटर लंबा और 7 किलोमीटर चौड़ा बताया गया है। टिड्डी दल का यह आक्रमण देश पर लगातार 75 दिनों से जारी है। सरकार पूरी तरह बेखबर होकर सोई हुई है। निपटने के समाधान के लिए ताली-थाली बजवाती है। क्या सरकार के पास कोई और वैज्ञानिक व तर्कपूर्ण समाधान नहीं बचा?