जनजीवन ब्यूरो / नयी दिल्ली : देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान लोगों को राहत पहुंचाने के मकसद से बैंकों ने नियमों में बदलाव करके अपने ग्राहकों को कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान की हैं, जिनकी डेडलाइन 30 जून यानी मंगलवार को समाप्त होने वाले हैं. ऐसे में, आगामी एक जुलाई यानी बुधवार से से बैंकों के इन नियमों में एक बार फिर बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिससे ग्राहकों को मिली छूट समाप्त हो जाएगी. बता दें कि नियमों में बदलाव से बैंकों में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज से लेकर के एटीएम से निकासी और खातों में मिनिमम बैलेंस पर फर्क पड़ सकता है. आइए, जानते हैं कि बैंकों की ओर से मिली हुई कौन-कौन सी छूट समाप्त हो सकती है…
एटीएम से नकदी निकासी पर नहीं मिलेगी छूट : बुधवार से बैंकों के नियमों में बदलाव हो जाने के बाद सभी बैंकों के खाताधारकों को एटीएम से नकदी निकासी और उसके लेनदेन पर किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी. अब पहले की तरह हर महीने केवल मेट्रो शहरों में आठ और अन्य शहरों में लोग 10 बार ही ट्रांजेक्शन कर सकेंगे. लॉकडाउन के दौरान लोगों को एटीएम से अनलिमिटेड निकासी की सुविधा दी गयी थी.
खातों में मिनिमम बैलेंस रखना होगा जरूरी : सरकार ने 30 जून तक बचत खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की सुविधा दी थी. नियमों में बदलाव के बाद ये सुविधा बंद हो जाएगी. ऐसे में, खाताधारकों को अपने बैंकों के नियमों के हिसाब से बचत खाते में हर महीने मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होगा. लॉकडाउन के दौरान बैंकों ने इस नियम को समाप्त कर दिया था. खातों में मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर मेट्रो सिटी, शहरी और ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग शुल्क का भुगतान करना पड़ता है.
बचत खातों पर मिलेगा कम ब्याज : बैंकों के नियमों में बदलाव का सबसे बड़ा असर खातों से ग्राहकों को मिलने वाले ब्याज पर पड़ेगा. देश के ज्यादातर बैंक बचत खाते में मिलने वाले ब्याज में कमी कर देंगे. मीडिया की खबरों के अनुसार, पंजाब नेशनल बैंक के खाताधारकों को मिलने वाले ब्याज में 0.50 फीसदी की कमी कर दी जाएगी. वहीं, अन्य सरकारी बैंकों में भी अधिकतम 3.25 फीसदी ब्याज मिलेगा.
दस्तावेज जमा नहीं कराने पर खाता हो सकता है फ्रीज : इसके साथ ही आगामी 1 जुलाई से कई बैंकों में जरूरी दस्तावेज जमा नहीं कराने पर लोगों के खाते फ्रीज भी किए जा सकते हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ विजया बैंक और देना बैंक में भी ये नियम लागू हो गया है. इसका कारण यह है कि विजया और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो चुका है.